समारोह में न बैण्ड (band) बजे और न ही आतिशबाजी हुई। सिर्फ ढोल बजे। पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार और महिलाओं के विवाह गीतों के साथ विवाह समारोह हुआ। नवविवाहित जोड़ों को जीवनजरूरी सामान भेंट किया, जिसमें समाज के सभी लोगों ने योगदान दिया।
संगठन के अध्यक्ष विक्रम परिहार ने बताया कि विवाह समारोह की विशेषता यह रही कि कि शादी समारोहों में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए यह सामूहिक समारोह हुआ, जिसे आदर्श विवाह समारोह नाम दिया गया। प्रत्येक जोड़े की शादी के लिए परिजनों से सिर्फ 1200 रुपए योगदान लिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी मास्क और सोशल डिस्टेसिंग बनाकर समारोह में भाग लिया।
समारोह में संगठन के संरक्षक कमलेश छापरवाल, अध्यक्ष विक्रम परिहार, भौमिक बेडचा, सह संरक्षक सोहनलाल जोजावरा, उपाध्यक्ष प्रमोद महेचा, सह कोषाध्यक्ष जिग्नेश भंवरलाल राठौड़, सहमंत्री भरत जोजावरा, प्रचार मंत्री भरत झाडोलिया, नरेश राटौड़, , सांस्कृतिक मंत्री हरीश मंडोरा, अरविंद महेचा, खेलकूद मत्री अविनश कट्टा और जिग्नेश जोजावरा समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
समारोह में संगठन के संरक्षक कमलेश छापरवाल, अध्यक्ष विक्रम परिहार, भौमिक बेडचा, सह संरक्षक सोहनलाल जोजावरा, उपाध्यक्ष प्रमोद महेचा, सह कोषाध्यक्ष जिग्नेश भंवरलाल राठौड़, सहमंत्री भरत जोजावरा, प्रचार मंत्री भरत झाडोलिया, नरेश राटौड़, , सांस्कृतिक मंत्री हरीश मंडोरा, अरविंद महेचा, खेलकूद मत्री अविनश कट्टा और जिग्नेश जोजावरा समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।