scriptशहीदों के आंगन की मिट्टी के लिए 80 हजार किलोमीटर का सफर | martyer, country, message, rapid action force, jawan, Gandhinagar | Patrika News

शहीदों के आंगन की मिट्टी के लिए 80 हजार किलोमीटर का सफर

locationअहमदाबादPublished: Apr 08, 2021 10:10:50 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

martyer, country, message, rapid action force, jawan, Gandhinagar: पुलवामा में बनेगा नक्शा, युवाओं में देशभक्ति का जज्बा का दे रहे हैं संदेश

शहीदों के आंगन की मिट्टी के लिए 80 हजार किलोमीटर का सफर

शहीदों के आंगन की मिट्टी के लिए 80 हजार किलोमीटर का सफर

गांधीनगर. देश पर जान न्यौछावर करने वाले शहीदों का बलिदान यादगार बनाने के मिशन पर निकले हैं महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले उमेश गोपीनाथ जादव। उनकी तमन्ना शहीदों के आंगन की मिट्टी से पुलवामा में शहीद स्मारक बनाने की है। वे अब तक देशभर में अस्सी हजार किलोमीटर का सफर कर 120 शहीदों के घरों तक पहुंचकर उनके आंगन की मिट्टी कलश में जमा कर चुके हैं। इसके लिए वे युवाओं को देशभक्ति का जब्बा पैदा करने का संदेश दे रहे हैं।
उमेश जादव अहमदाबाद में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए शहीद वीर ऋषिकेश रामाणी के घर परिजनों से भी मिले। निशानी की तौर पर रामाणी की तस्वीर भेंट की गई और उनके आंगन की मिट्टी ली। बाद में जादव वस्राल स्थित द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के कैम्प पहुंचे, जहां बटालियन कमाण्डेन्ट पुष्पेन्द्र कुमार ने सरदार पोस्ट की मिट्टी लाने के लिए 3 अप्रेल को कलश भेंट किया और रास्ते में आने वाले सभी बाधाओं में हर संभव सहायता की। मंगलवार, 6 अप्रेल को फिर कमाण्डेन्ट ने 100 वीं वाहिनी के द्रुत कार्य बल परिसर में शहीद स्मारक पर उमेश जादव का स्वागत किया गया। बाद में जादव अपने मिशन के लिए रवाना हुए।
जादव ने बताया कि वर्ष 2019 में कर्मभूमि-जन्मभूमि भारत की मिट्टी का सम्मान बढ़ाने और ‘पहले भारतीÓ मिशन बनाकर शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्रित करने अपनी कार लेकर निकले हैं। उन्होंने अपनी कार में दूसरी छोटी कार जोड़ा है, जिसमें शहीदों की यादें रखी हैं। वे बताते हैं इस मिशन में कोई भी स्पोन्सर नहीं हैं और ना ही राजनीतिक मिशन हैं। यह सिर्फ सश सेना, पैरा मिलेट्री और पुलिस विभाग के शहीदों को समर्पित है।
वे बताते हैं कि पुलवामा के 40 शहीद परिवारों के अलावा विश्व युद्ध, वर्ष 1947, 1965, 1971, कारगिल युद्ध में शहीदों के 120 परिवारों से मिले हैं। साथ ही फिल्ड मार्शल करियप्पा और सैम मानेक शॉ के आंगन की मिट्टी एकत्रित की है। इस मिट्टी से जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद स्मारक की तरह ही भारत का नक्शा बनाना चाहते हैं। शहीदों के आंगन की मिट्टी वाला कलश वे नई दिल्ली में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक को अर्पित करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो