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Gujarat Election 2022 मेट्रो में मत की बात: जीतने के बाद नेता जनता की नहीं, खुद की सुविधा देखते हैं

locationअहमदाबादPublished: Dec 04, 2022 11:05:19 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

गुजरात विधानसभा चुनाव : अहमदाबाद में मेट्रो ट्रेन से लाइव रिपोर्ट

Gujarat Election 2022  मेट्रो में मत की बात: जीतने के बाद नेता जनता की नहीं, खुद की सुविधा देखते हैं

राजेश भटनागर।

ग्राउंड जीरो से जन-मन : राजेश भटनागर की रिपोर्ट

अहमदाबाद. गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 5 दिसंबर को अहमदाबाद में मतदान होगा। करीब दो महीने
पहले 29 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में थलतेज से वस्त्राल गाम और एपीएमसी से मोटेरा स्टेडियम तक दो
मार्ग पर मेट्रो ट्रेन को झंडी दिखाई थी। पेश है मेट्रो ट्रेन में मतदाता यात्रियों से चुनावी चर्चा की लाइव रिपोर्ट…
महंगाई के चलते घर का बजट बिगड़ा

कांकरिया क्षेत्र की गृहिणी सोनल पटेल ने कहा कि रसोई गैस का सिलेंडर, सब्जी, तेल के दाम बढऩेे से महंगाई के कारण घर का बजट बिगड़ रहा है। बच्चे को स्कूल छोडऩे और घर लाने में पहले सिटी बस या शटल रिक्शा से आवागमन करने में समय और किराया ज्यादा लगता था, अब मेट्रो ट्रेन से आवागमन में कम समय और कम किराया लगने से राहत मिली है।
चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी मुख्य मुद्दे हैं

अहमदाबाद महानगरपालिका से 2010 में सेवानिवृत्त हुए आंबावाडी के सतीश मोदी ने कहा कि चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी मुख्य मुद्दे हैं। जनता के वोट लेकर चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि खुद की सुविधाओं का लाभ उठाते हैं लेकिन जनता की सुविधाओं पर ध्यान नहीं देते। एक बार चुनाव जीतने के बाद कई जनप्रतिनिधियों को अगले चुनाव में ही देखा जाता है। इसलिए उन्हें जनता के बीच में रहना चाहिए।
नौकरी के वादे कौन पूरे करता है?- कॉलेज के छात्र मीत ने कहा कि युवाओं को नौकरी देने के बारे में राजनीतिक दलों ने वादे किए हैं। देखते हैं ये वादे कौन पूरा करता है। पेट्रोल के दाम बढऩे से लोगों का खर्चा बढ़ा है।
बेरोजगारी सिर्फ चुनावी मुद्दा- उधर मोटेरा क्षेत्र के व्यवसायी दिव्यकांत शाह कुछ अलग ही बात कहते पाए गए। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी सिर्फ चुनावी मुद्दा है। वास्तव में बेरोजगारी नहीं है। हर व्यक्ति कुछ न कुछ काम करता है।
मेट्रो ट्रेन से मिली राहत- वस्त्राल क्षेत्र के खुदरा व्यापारी परेश पटेल ने कहा कि मेट्रो ट्रेन चलने से काफी राहत मिली है। लाल दरवाजा में थोक भाव से सामान लेने जाते थे तो दुपहिया वाहन खड़ा करने में परेशानी थी। सिटी बस का ठिकाना नहीं था। उसमें भीड़ भी रहती थी। अब वे आराम से कम समय में कम परेशान होकर सामान खरीद कर लाते हैं।

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