दिल्ली में दौडऩे वाली मेट्रो ट्रेन में बिजली लाइन ऊपरी हिस्से में हैं, लेकिन अहमदाबाद में मेट्रो ट्रेन में पटरियों के किनारे-किनारे विद्युत लाइन है। ऐसे में यात्रियों के लिए यह खतरा हो सकता है। इससे निजात दिलाने के लिए ये डोर सुरक्षित होंगे। ऐसे स्टेशन जहां ऊपरी स्टेशन हैं उसमें आधा हिस्से में और अंडरग्राउंड (underground) में पूरे हिस्से में प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे। वस्राल गांव और एपरेल पार्क स्टेशनों पर ये डोर लगाए जाने के बाद अन्य मेट्रो स्टेशनों पर भी लगाए जाएंगे।
मई तक शुरू हो सकते हैंं मेट्रो के दो और स्टेशन वस्राल गांव से एपरेल पार्क तक मेट्रो ट्रेन तो मार्च से दौडऩे लगी, लेकिन अभी भी वस्राल और रबारी कॉलोनी स्टेशनों का निर्माण कार्य चल रहा है, जो संभवत: मई तक पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद इन स्टेशनों से भी यात्री सफर कर सकेंगे। फिलहाल ज्यादातर लोग वस्त्राल गाम, निरांत चौकड़ी, अमराईवाडी और एपरेल पार्क से ही सफर करते हैं। फिलहाल मेट्रो ट्रेन सिर्फ छह किलोमीटर तक ही दौड़ती है लेकिन सफर के तौर पर जितना लोगों को उपयोग करना चाहिए उतना नजर नहीं आ रहा है। हालांकि सुबह -शाम के दौरान मेट्रो ट्रेन में यात्री जरूर नजर आते हैं, जिसमें विशेष तौर पर नौकरीपेशा वाले लोग होते हैं।
पहला चरण वर्ष 2021 हो सकता है पूर्ण एक अधिकारी के अनुसार मोटेरा से वासणा तक मेट्रो ट्रेन का कार्य तेजी से चल रहा है। स्टेशन बनाने और पटरियां (Railway track) बिछाने का कार्य चल रहा है। हालांकि साबरमती रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे लाइन के ऊपर का निर्माण कार्य तकनीकी कारणों से रुका है। वस्राल से थलतेज और मोटेरा से वासणा तक पहले चरण का कार्य वर्ष 2021 तक पूर्ण हो सकता है।
गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एक अधिकारी के अनुसार मई-जून तक तक वस्राल और रबारी कॉलोनी मेट्रो स्टेशन का कार्य पूरा हो जाएगा। बाद में यह से भी यात्री सफर करने लगेंगे। हररोज औसतन एक हजार यात्री सफर करते हैं। वहीं यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेट्रो स्टेशनों पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर लगाए जा रहे हैं। पहले वस्राल गांव और एपरेल पार्क में ये डोर लगाए जा रहे हैं।