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मीठाभाई को इस काम में मिलता था काफी सुकून

locationअहमदाबादPublished: May 21, 2019 12:51:06 am

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-45 वर्षों तक करीब 450 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार

Mithabhai, Last rites, Ahmedabad

मीठाभाई को इस काम में मिलता था काफी सुकून

अहमदाबाद. 85 वर्ष की अवस्था 45 वर्षों तक करीब 450 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले मीठाभाई भले अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इस कार्य को उनके बेटे अमर भाई आगे बढ़ाने की मुहिम में लगे हुए हैं। विभाजन के वक्त पाकिस्तान से भारत आए मीठाभाई मुंबई और भावनगर में कुछ वर्ष बीताने के बाद वर्ष 1960 में अहमदाबाद पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता को इस काम में काफी सुकून मिलता था।
भले ही अमर भाई अपने पिता की तरह ही लारी पर फल बेचने का काम करते हैं लेकिन उनका कहना है कि इन परिस्थिति में भी इन शवों का अंतिम संस्कार करना एक नेक काम है। वे कहते हैं कि लावारिस शवों की ओर कोई देखता तक नहीं है। ऐसेे में शवों के अंतिम संस्कार करने पर वे अपने आपको संतुष्ट महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई को उनके धर्म के हिसाब से अंतिम संस्कार करते रहे।

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