रूपाणी ने कहा कि पश्चिम भारत के इस मोढेरा सूर्य मंदिर में आयोजित होने वाले उत्तरार्ध उत्सव की तरह ही पूर्वी भारत में स्थित ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर में नृत्य महोत्सव आयोजित होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिव्य सूर्य मंदिर की गरिमा को राज्य सरकार ने उत्तरार्ध उत्सव के आयोजन द्वारा और उन्नत बनाने का प्रयास किया है। रूपाणी ने कहा कि दो दिवसीय उत्सव में इस ऐतिहासिक स्थल के सान्निध्य में नृत्य की प्रस्तुतियों और ऐतिहासिक धरोहर का सुभग समन्वय होगा। इस उत्सव के माध्यम से लोग अपनी ऐतिहासिक विरासत के ज्यादा निकट आएंगे।
कला-संस्कृति को संवर्धित करने को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए श्री रूपाणी ने कहा कि कला महाकुंभ के जरिए राज्य के लाखों कलाकारों की सुषुप्त कला को उजागर का मंच प्रदान किया है।
राज्य सरकार के खेलकूद, युवा और सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग तथा संगीत नाटक अकादमी की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से दो दिनों तक उत्तरार्ध उत्सव का आयोजन किया गया है।
उत्तरार्ध उत्सव में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मुंबई की कलागुरु सुधा चंद्रन (भरतनाट्यम), कलागुरु ग्रेसी सिंह (ओडिसी), कलागुरु विनीता श्री नंदन (मोहिनीअट्टम) और आंध्र प्रदेश के कलागुरु के.वी. सत्यनारायण (कुचिपुड़ी बेले) का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। इसके अलावा महानुभावों ने भुवनेश्वर की कलागुरु मोहंती (ओडिसी), अहमदाबाद के कलागुरु भरत बारिया, अक्षय पटेल, शीतल बारोट का भी सम्मान किया गया। उत्तरार्ध उत्सव के पहले दिन कलाकारों ने गणेश वंदना, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचिपुड़ी बेले और मोहिनीअट्टम जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में खेलकूद, युवा और सांस्कृतिक प्रवृत्ति मंत्री ईश्वर पटेल, विभाग के प्रधान सचिव सी.वी. सोम, विधायकगण, महेसाणा जिला कलक्टर एच.के. पटेल, जिला विकास अधिकारी एम.वाई. दक्षिणी, पुलिस अधीक्षक मनीष सिंह, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पंकज भट्ट, अकादमी के सदस्य सचिव ज्योतिष भट्ट सहित बड़ी संख्या में आमंत्रित मेहमान और नागरिक उपस्थित थे।
कला-संस्कृति को संवर्धित करने को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए श्री रूपाणी ने कहा कि कला महाकुंभ के जरिए राज्य के लाखों कलाकारों की सुषुप्त कला को उजागर का मंच प्रदान किया है।
राज्य सरकार के खेलकूद, युवा और सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग तथा संगीत नाटक अकादमी की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से दो दिनों तक उत्तरार्ध उत्सव का आयोजन किया गया है।
उत्तरार्ध उत्सव में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मुंबई की कलागुरु सुधा चंद्रन (भरतनाट्यम), कलागुरु ग्रेसी सिंह (ओडिसी), कलागुरु विनीता श्री नंदन (मोहिनीअट्टम) और आंध्र प्रदेश के कलागुरु के.वी. सत्यनारायण (कुचिपुड़ी बेले) का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। इसके अलावा महानुभावों ने भुवनेश्वर की कलागुरु मोहंती (ओडिसी), अहमदाबाद के कलागुरु भरत बारिया, अक्षय पटेल, शीतल बारोट का भी सम्मान किया गया। उत्तरार्ध उत्सव के पहले दिन कलाकारों ने गणेश वंदना, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचिपुड़ी बेले और मोहिनीअट्टम जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में खेलकूद, युवा और सांस्कृतिक प्रवृत्ति मंत्री ईश्वर पटेल, विभाग के प्रधान सचिव सी.वी. सोम, विधायकगण, महेसाणा जिला कलक्टर एच.के. पटेल, जिला विकास अधिकारी एम.वाई. दक्षिणी, पुलिस अधीक्षक मनीष सिंह, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पंकज भट्ट, अकादमी के सदस्य सचिव ज्योतिष भट्ट सहित बड़ी संख्या में आमंत्रित मेहमान और नागरिक उपस्थित थे।