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150 से ज्यादा फेरी वाले फिर पहुंचे हाईकोर्ट, मनपा को नोटिस

locationअहमदाबादPublished: May 12, 2019 12:33:44 am

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-बार-बार एक जगह से दूसरे जगह हटाए जाने का विरोध

Gujarat high court, street vendors

150 से ज्यादा फेरी वाले फिर पहुंचे हाईकोर्ट, मनपा को नोटिस

अहमदाबाद. शहर के नेहरूनगर इलाके में सडक़ों के पास वर्षों से रोजगार करने वाले 158 फेरी वाले एक बार फिर गुजरात उच्च न्यायालय पहुंचे हैं। इन फेरी वालों (छोटे व्यापारियों) ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर उन्हें बार-बार एक जगह से दूसरे जगह हटाने और इसके बाद उनके रोजगार बंद कराने का विरोध किया गया है।
प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस दवे और न्यायाधीश बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने नेहरूनगर पाथरणा बाजार एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर अहमदाबाद महानगरपालिका को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 13 जून को रखी गई है।
वकील भूषण ओझा की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया कि मनपा ने वर्ष 2015 में नेहरूनगर के फेरी वालों का सर्वेक्षण कराया था, लेकिन यह सर्वेक्षण उचित तरीके से नहीं किया गया। इन छोटे व्यापारियों को पहले नोटिस नहीं जारी किया गया। इसके बाद वर्ष 2016-17 में मनपा एसोसिएशन के सदस्यों को नेहरूनगर से झांसी की रानी की प्रतिमा तक व्यापार करने को लेकर रोक लगा दी। इन व्यापारियों को गुर्जरी बाजार और रिवरफ्रंट पर वैकल्पिक व्यवस्था का भी आवंटन नहीं किया गया। मनपा की ओर से जिस जगह पर फेरी वालों को जगह दी थी वह व्यापार करने के लिए उचित नहीं थी।
याचिका में यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ता नेहरूनगर में हैंडी क्राफ्ट और अन्य वस्तुओं का व्यापार करते थे। यहां का खरीदार वर्ग अलग था जबकि गुर्जरी बाजार में पुराने सामान बिकते हैं और यहां का खरीदार वर्ग नेहरूनगर के खरीदार वर्ग से पूरी तरह अलग है। यदि इन फेरीवालों को गुर्जरी बाजार भेजा गया तो इनका व्यापार चौपट हो जाएगा। इसके बाद गत सितम्बर 2018 में मनपा की ओर से एसोसिएशन के सदस्यों को मौखिक आश्वासन दिया गया कि उन्हें आंबावाडी में जगह दी जाएगी। इसके बाद इन फेरीवालों ने आंबावाडी में अपना काम आरंभ किया, लेकिन स्थानीय सोसाइटी के लोगों ने इस स्थल पर इन फेरीवालों को प्लॉट आवंटन करने का विरोध किया। यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा। एसोसिएशन से जुड़े फेरीवालों को पहचान पत्र भी दिया गया है।
मनपा ने इन फेरीवालों का रोजगार बंद करने का निर्देश दिया। इस कारण उनकी आजीविका खत्म हो गई है। याचिका में कहा गया कि मनपा स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का अमलीकरण नहीं करती और उन्हें हटाने कर कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
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