हार्ट अटैक के 20 हजार हो सकते हैं कारण, 2000 को समझ पाया विज्ञान
अहमदाबादPublished: Sep 26, 2022 10:19:46 pm
-तम्बाकू का सेवन और तनाव की भी बड़ी भूमिका
-शरीर में लिपिड्स की मौजूदगी से सबसे बड़ा खतरा


हार्ट अटैक के 20 हजार हो सकते हैं कारण, 2000 को समझ पाया विज्ञान
अहमदाबाद. वैसे तो हार्ट अटैक आने के 20 हजार से अधिक भी कारण हो सकते हैं, लेकिन इनमें से लगभग 2000 कारणों से आने वाले हार्ट अटैक को ही विज्ञान समझ पाया है।
अहमदाबाद के जाने माने सीनियर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल शर्मा ने पत्रिका संवाददाता ओमप्रकाश शर्मा के साथ बातचीत में हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर और उपाय के संबंध में बातचीत की।
उन्होंने बताया कि दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा शरीर में मौजूद वसा (लिपिड्स) से होता है। अन्य आठ रिस्क फैक्टर में तम्बाकू का सेवन और तनाव की भी बड़ी भूमिका होती है। इससे बड़े रिस्क फैक्टर से आने वाले अटैक को समय रहते जीवनशैली में बदलाव कर रोका भी जा सकता है। हालांकि कुछ ऐसे फैक्टर भी हैं, जिन्हें रोकना मुश्किल होता है।
डॉ.शर्मा ने बताया कि किसी भी स्वरूप में तम्बाकू के सेवन से 36 फीसदी तक हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। 33 फीसदी खतरा तनाव से भी है। अर्थात तनाव में रहने वाले व्यक्ति को अटैक आने की संभावना ज्यादा हो रहती है। मोटापे से 20 फीसदी, हाईपरटेंशन से 18 फीसदी, फल और सब्जी का सेवन नहीं करने से 14 फीसदी, एक्सरसाइज के अभाव में 12 फीसदी, मधुमेह के कारण 10 फीसदी और अल्कोहल के सेवन से सात फीसदी हार्ट अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है।
मधुमेह और रक्तचाप की दोहरी भूमिका
डॉ. कमल शर्मा का कहना है कि मधुमेह और रक्तचाप का एक साथ होना बड़ा खतरा हो सकता है। ये दोनों समस्याएं एक साथ होने से हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बढ़ती आयु में ये दोनों अटैक का खतरा और बढ़ा देते हैं। खास कर 70 वर्ष से अधिक आयु में। साथ ही नलियों में सूजन रहना, कोलेस्ट्रॉल अनियमित रहने से भी खतरा बढ़ जाता है।
भारतीयों में अल्कोहल बढ़ाता है खतरा
एक स्टडी का हवाला देते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि पहले ये माना जाता था कि अल्कोहल से हार्ट अटैक का खतरा नहीं होता है, लेकिन खास कर भारतीयों में अल्कोहल का सेवन करने से अटैक का खतरा दुगना हो जाता है। एशियाई आबादी में हरा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा यूरोपीय लोगों से अधिक पाई जाती है। इससे दिल का दौरा आने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है।
जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करने से टाल सकते हैं खतरा
विश्व या देश में मौत के सबसे बड़े कारणों में से हार्ट अटैक एक है। जीवनशैली में कुछ परिवर्तन किया जाए तो संभवत काफी हद तक अटैक के मामलों को रोका जा सकता है। भोजन में नियमित फल और सब्जी का सेवन किया जाना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज, योगा और समय-समय पर शारीरिक जांच कराना जरूरी है। आज आरामदेह जीवन शैली अपनाने की पद्धति काफी हद तक बढ़ी है, जिसके चलते भी लोग हृदयरोगों का शिकार हो रहे हैं। कुछ वर्षों पहले समझा जाता था कि 40 वर्ष से कम आयु में अटैक आने की संभावना कम होती है लेकिन आज के जमाने में यह कहावत भी गलत हो रही है। कम आयु में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अटैक आने के मामले ज्यादा सामने आते हैं, लेकिन रजोनिवृति के बाद महिलाओं में भी पुरुषों के बराबर खतरा बना रहता है।