डाक्टरों के अनुसार मानसून में जलभराव से डेंगू के संदिग्ध रोगी बढ़े हैं। इस बार कोरोना का खौफ बना हुआ है तथा इसके साथ अस्पतालों में अन्य रोगियों की संख्या बढ़ी है। हालांकि गत वर्षों से इस बार डेंगू के मरीज कम हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए विशेष जागरण अभियान आरम्भ किया है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं आशावर्कर्स लोगों को डेंगू से बचाव व जलजमाव से होने वाली बीमारियों के बारे में जागृत कर रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू से बचाव के लिए घरों में एक हफ्ते से पानी के उपकरणों को जरूर साफ करें। बारिश में छतों पर पानी जमा होता हैं, जिसमें डेंगू के मच्छर पनपते हैं। बारिश रूकने के बार छतों का पानी साफ करना चाहिए। आसपास पानी जमा नहीं होने दे एवं टायर, खाली डिब्बा, कबाड़ आदि दिखाई दे तो उसे हटा देना चाहिए। बुखार आने पर व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में खून की जांच कराना आवश्यक है।
मरीज को देखने से घबराते डॉक्टर
मरीजों का आरोप है कि कोरोना के संदेह में अस्पतालों में अन्य रोगों से पीडि़तों को सही इलाज नहीं मिल रहा है। कई मरीज ऐसे हैं जिसे डॉक्टरों को दिखाना जरूरी होता है, लेकिन डॉक्टर मरीजों को बिना छुए, दूरी बनाकर देख रहे हैं। शुगर, ब्लड प्रेशर, बुखार, जुकाम, पीलिया वाले रोगियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोरोना के डर से डॉक्टर रोगियोंं को अब भी संदेह से देखते हैं, जिससे नतीजन कईयों को सही इलाज नहीं मिल रहा है।