जिले में मच्छरों की उत्पत्ति के लिए गटरों में जमा गंदगी और जलजमाव मुख्य कारण है। शहर की नालियां और गटर मच्छरों की फैक्ट्री बने हैं। गटरों में अनुकूल ढलान नहीं होने से हमेशा दूषित पानी भरे रहते हैं। इनमें गंदा व बदबूदार जल रहने से मच्छरों को प्रश्रय मिल रहा है। गांवों में भी मच्छर उत्पत्ति के कारण गटर व नालियां ही हैं। मसाट-रखोली फोरलेन को 8 वर्ष पूर्ण हो गए हैंं, लेकिन इस मुय रोड किनारे निर्माणाधीन गटर पूरे नहीं हो सके हैं।
रास्ते के बीच में पेड़, विद्युत पोल, जंक्शन, रास्ते आदि वाली जगह अधूरी छोड़ दी हैं। कई जगह गटर दूषित पानी से अटे हंै तो कई जगह दूषित पानी बाहर निकल रहा है। यह सब परिस्थितियां मच्छरों के जीवनचक्र को आसान बना देती हैं। रखोली तक सड़क के किनारे दोनों छोर गटर तो बन गए हैं, लेकिन गटरलेन के बीच साइड वे, विद्युत के खंभे व पेड़ आदि वाले स्थान का निर्माण अधर में लटका है। 50 से अधिक ऐसे पॉइंट हैं, जहां मुय गटर के ज्वाइंट शेष हैं। मसाट इंडस्ट्रीयल विस्तार में गटर नहीं हैं, जिससे नालियों में प्रदूषण बह रहा है।