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अन्ननली के बिना जन्मे बालक को छोड़ मायके चली गई मां

locationअहमदाबादPublished: Feb 11, 2018 11:10:34 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

मां का दूध न मिलने से पावडर के दूध पर निर्भर है नन्हीं जान

Abandon new born child
अहमदाबाद. नौ महीने तक जिसे गर्भ में रखने के बाद जन्म दिया उसी जिगर के टुकड़े को जब मां के प्यार , दुलार और दूध की सबसे ज्यादा जरूरत थी उसी समय उसे निजी अस्पताल के आईसीयू में छोड़कर एक माता के आराम के बहाने मायके चले जाने की घटना सामने आई है। अन्ननली के बिना जन्मे इस बालक के जल्द ठीक होने के लिए चिकित्सक दवाई के साथ दिन में आठ बार मां के दूध की जरूरत बता रहे थे, इसके बावजूद मां उसे छोड़कर चली गई, जिसके चलते यह नन्हीं जान पावडर के दूध पर निर्भर है।
चांदखेड़ा में रहने वाले इस बच्चे रुद्र के पिता घनश्याम पटेल (३५) ने इस मामले में अपनी पत्नी तोरल के विरुद्ध नारणपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया है कि रुद्र के जन्म के बाद उसने बालक को दूध नहीं पिलाकर उसके प्रति क्रूरता बरती और मां की जिम्मेदारी नहीं निभाई। जब बच्चों को मां के दूध की सख्त जरूरत थी तब उसे नारणपुरा के निजी अस्पताल के आईसीयू में छोड़कर चली गई।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि उसके साथ-साथ उसके माता, पिता और डॉक्टरों ने भी तोरल को काफी समझाने व मनाने की कोशिश की और दवाई से ज्यादा बालक को मां के दूध व दुलार की जरूरत होने की बात समझाई, लेकिन फिर भी वह नहीं मानीं। वह बालक को अस्पताल में छोड़कर साबरकांठा जिले में इडर तहसील के लक्ष्मीपुरा गांव स्थित अपने मायके चली गई। इसके चलते रुद्र फिलहाल अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है। उसे उसकी मां के होने के बावजूद पावडर के दूध पर जिंदा रहना पड़ रहा है।
घनश्याम की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि २१ जनवरी २०१७ को सीजेरियन ऑपरेशन से निजी अस्पताल में तोरल ने रुद्र को जन्म दिया। जन्म के समय से रुद्र को अन्ननली नहीं थी। डॉक्टरों ने कहा कि दवाइयों के साथ-साथ मां के दूध और प्यार की काफी जरूरत है। इससे वह जल्द ठीक हो सकता है।
तोरल के भी अस्पताल में भर्ती होने से बालक को कृत्रिम आहार देने के लिए नली डाली गई थी। जिससे आहार व दूध सीधा नली के माध्यम से उसके जठर तक जाता था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद तोरल भी रुद्र के निजी अस्पताल पहुंची। वहां उसने एक बार उसे दूध भी पिलाया, लेकिन बालक को दिन में आठ बार दूध की जरूरत थी। यह बात मां को मालूम थी। तोरल पर आरोप है कि उसने सीजेरियन से बच्चा होने की बात कहते हुए आराम करने का बहाना बताकर अपने पिता के साथ मायके चली गई।
डॉक्टरों ने तोरल को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी और चली गई। घनश्याम ने कहा कि उसने समाज के लोगों से भी इस मामले में मदद मांगी, लेकिन फिर भी तोरल नहीं मानी।
डॉक्टरों के सुझाव पर बालक को ठीक करने के लिए दो ऑपरेशन कराए गए, इस दौरान रुद्र को ब्रेन लॉस हो गया। इसकी जानकारी भी मां को दी गई, लेकिन आरोप है कि वह यह बात जनने के बाद भी उसका दिल नहीं पसीजा? वह रुद्र को शनिवार को देखने तक नहीं आई। इस पर घनश्याम ने तोरल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
नारणपुरा पुलिस ने घनश्याम की शिकायत पर मां तोरल के विरुद्ध द जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
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