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सास ने मां बनकर बहू को दिया नया जीवन

locationअहमदाबादPublished: Aug 13, 2019 06:57:36 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

दूसरा जन्म देने वाली भी होती है ज्यादातर महिलाएंविश्व अंगदान दिवस पर विशेष

Mother-in-law gave new life to daughter-in-law  

सास ने मां बनकर बहू को दिया नया जीवन

अहमदाबाद. अंगदान और उसमें भी किडनी के दान की बात आती है तो महिलाओं का कोई मुकाबला नहीं है। यह भी सच है कि महिलाओं की ओर से दी जाने वाली ज्यादातर किडनी पुरुुषों के काम आती है। इसके विपरीत शहर में पिछले दिनों हुए एक अनूठे ट्रान्सप्लान्ट में सास की किडनी से बहू को नया जीवन मिला है। महिलाओं की किडनी ज्यादातर मामलों में पीहर पक्ष से मिलती है।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के छोटे से गांव में रहने वाली मंजू शर्मा (५५)ने समाज को नया संदेश दिया है। मंजू ने अपनी बहू मोनिका शर्मा (२८) को बचाने के लिए अपनी किडनी दान दी है। मंजू का कहना है कि उसने कभी भी बहू और बेटे में फर्क नहीं समझा है। बहू की किडनी खराब थी और बेटा देना चाह रहा था। बेटे को यह सोचकर किडनी नहीं देने दी कि फिर दोनों (बेटे-बहू) को कोई परेशानी हो सकती है। पीहर पक्ष के लोगों ने भी किडनी देने की इच्छा जताई थी, लेकिन वे किसी बीमारी के चलते बेवश थे।
बहू को बेटी मानकर दिया दूसरा जीवन
यह ट्रान्सप्लान्ट पिछले दिनों शहर के अपोलो अस्पताल में किया गया था। अस्पताल के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट एवं ट्रान्सप्लान्ट फिजिशियन डॉ. मनोज गुम्बर ने बताया कि इस मामले में सास मंजू ने बहू को बेटी मानकर उसे दूसरा जीवन दिया है। डॉ. गुम्बर ने जब महिलाओं की किडनी के ट्रान्सप्लान्ट की बात आती है तो ज्यादातर मामलों में पीहर पक्ष की भूमिका होती है। लेकिन इस मामले में बिना किसी हिचकिचाहट से सास मंजू शर्मा ने बहू मोनिका को किडनी दी है। शहर में सबसे अधिक किडनी ट्रन्सप्लान्ट करने वाले किडनी अस्पताल (आईकेडीआरसी) के आंकड़े के आधार पर देखा जाए तो अस्सी फीसदी से अधिक ममलों में महिलाएं किडनी देती हैं और उनकी किडनी में सत्तर फीसदी पुरुषों के काम आती हैं।
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