वाइब्रेंट सम्मलेन में किया था एमओयू, मंजूरी नहीं मिलने पर हाईकोर्ट पहुंची कंपनी
अहमदाबादPublished: Feb 26, 2019 10:39:24 pm
-वर्ष 2009 में अमरेली में वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट के लिए किया था एमओयू
वाइब्रेंट सम्मलेन में किया था एमओयू, मंजूरी नहीं मिलने पर हाईकोर्ट पहुंची कंपनी
अहमदाबाद. वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में सीमेंट कंपनियों के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रोजेक्ट आरंभ करने के लिए आवश्यक मंजूरी देने में होने वाले विलंब का मामला गुजरात उच्च न्यायालय पहुंचा है। उच्च न्यायालय ने फिलहाल इस मामले में गुण-दोष देखे बिना राज्य सरकार से सभी संबंधित प्रतिवादियों से अपना पक्ष पेश करने का अवसर देते हुए चार महीने में सभी आवेदन पर कानून के हिसाब से निर्णय करने का आदेश दिया।
अमरेली जिले की धारी तहसील के पटला गांव में वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट बनाने के लिए वाइल्डवुड रिसोर्ट एंड रियलिटीज कंपनी की ओर से वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2009 में एमओयू किया गया था। इस सम्मेलन में राज्य सरकार और याचिकाकर्ता कंपनी के बीच 12 जनवरी 2009 को किए गए एमओयू में बताया गया कि 80 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से 300 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। एमओयू के तहत राज्य सरकार की ओर से जरूरी संबंधित विभागों से पंजीकरण, मंजूरी आदि दी जाएगी। साथ ही राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं में भी मदद की जाएगी, लेकिन इसके बाद कंपनी ने आवश्यक मंजूरी और क्लीयरेन्स प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष कई आवेदन किए जिसके लिए मंजूरी नहीं दी गई।
दस वर्ष के लंबे अंतराल के बाद कंपनी ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि एमओयू के बाद याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार की संबंधित अथॉरिटी के समक्ष आवेदन किया गया था। अथॉरिटी की ओर से यह आवेदन प्राप्त भी किए गए, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह सरकार की विभिन्न अथॉरिटी की ओर से प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दिए जाने में निष्क्रियता रखी गई।