कटने लगा ‘कूड़े का पहाड़’ बनने लगी खाद,
अहमदाबादPublished: Jun 02, 2019 10:02:54 pm
हररोज बन रही करीब दो सौ टन खाद
कटने लगा ‘कूड़े का पहाड़’ बनने लगी खाद,
अहमदाबाद. यदि आप नारोल से सरखेज जाते हैं तो आपको ‘कूड़े के पहाड़Ó से दो-चार होना पड़ता है। बदबू इतना ज्यादा होती है सड़क से गुजरते समय ही मुंह पर रूमाल बांधकर निकलना पड़ता है तो फिर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस ‘कूड़े के पहाड़Ó के आसपास रहने वालों का क्या हाल होगा। बारिश के मौसम में तो वहां बुरा ही हाल हो जाता है, लेकिन महानगरपालिका अब इसकी सुध ली है और वहां कूड़े पहाड़ काटकर जैविक खाद बनाना प्रारंभ हो गया है। चार दशकों से भी ज्यादा वक्त से यहां पर शहरभर का कूड़ा डाला जाता रहा है, लेकिन एक वर्ष से कूड़ा डालना बंद हो गया है। पहले हररोज करीब साढ़े तीन से चार हजार टन कूड़ा डाला जाता था। यह पहाड़ हटने के बाद आसपास के बाशिंदों को न सिर्फ बदबू बल्कि प्रदूषण से राहत मिलेगी। हालांकि इसके लिए थोड़ा वक्त जरूर लगेगा।
पिराणा डम्पिंग साइट के निकट ही चाय की दुकान चलाने वाले कालूभाई ने बताया कि गर्मी में तो ज्यादा दिक्कत नहीं होती है, लेकिन बारिश के मौसम में कूड़े से निकलने वाली बदबू काफी दिक्कत होती है। गर्मी में तो धूल उड़ती है। वे कूड़े के पहाड़ के बारे में बताते हैं कि पहले यहां हर रोज सैकड़ों ट्रकों कूड़ा फेंका जाता था, लेकिन पिछले एक वर्ष से कूड़ा नहीं फेंका जाता है। इससे कुछ राहत है।
अभी सिर्फ कागजों पर
स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष और बेहरामपुरा के पार्षद बदरुद्दीन शेख ने कहा कि कूड़े का यह पहाड़ पीराणा और आसपास के लोगों ने परेशानी का सबब बन चुका है। यह कूड़ा अन्य जगह डालने लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया। डम्पिंग यार्ड पर जो कम्पनी है काफी समय से काम कर रही है। अभी सिर्फ कागजों पर ही है। जितना जल्दी कूड़ा हटाना चाहिए वैसे नहीं हटाया जा रहा है। खाद बनाने का जो प्लांट शुरू किया गया है उसकी गति भी बहुत धीमी है। दूसरी जगह डम्पिंग यार्ड बनाने की बात कही गई है, लेकिन अभी सिर्फ बातें हैं।
दस जून से शुरू करेंगे मिशन पीराणा
महानगरपालिका आयुक्त विजय नेहरा ने कहा कि दस जून के बाद पीराणा डम्पिंग यार्ड को एक मिशन के तौर शुरू किया जाएगा। एक वर्ष में कूड़े एक इस पहाड़ को हटा देंगे, जिसमें मिट्टी, कंकड पत्थर व प्लास्टिक को अलग-अलग किया जाएगा और प्लास्टिक को रिसाइक्लि व अन्य कूड़े से खाद बनाई जाएगी। फिलहाल दो कम्पनियां कम्पनी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रही है। बाद में निविदा प्रक्रिया के जरिए ठेका आवंटित कर प्रोजेक्ट को प्रारंभ किया जाएगा। यह कूड़ा खाद बनाने और प्लास्टिक की रिसाइकिल की जाएगी। कूड़े से लाखों टन खाद तैयार होगी, जो काफी गुणवत्ता वाली होगी।