उन्होंने मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पर्यटन व नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति प्रेरित बताते हुए कहा कि नर्मदा के पानी को लेकरौ गुजरात के लिए खतरे का मुद्दा अनुचित है। कांग्रेस की एम पी सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के साथ ऐसा कर रही है। गुजरात कांग्रेस को भी जवाब देना चाहिए।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान नर्मदा नियंत्रण अधिकरण (एनसीए) से जुड़े हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित किया गया है। उल्लेखनीय है कि नर्मदा प्रोजेक्ट गुजरात की जीवन रेखा मानी जाती है। इससे राज्य के 165 शहरों व दस हजार गांवों के 3 करोड़ से ज्यादा लोग इस पानी पर निर्भर हैं।