गुजराती में नीट में अन्याय को लेकर विद्यार्थियों का धरना
मेडिकल-डेंटल स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए जून-२०१७ से अनिवार्य की गई राष्ट्रीय योग्यता एवं पात्रता परीक्षा (नीट) में गुजराती भाषा के प्रश्न-पत्र में विद्यार्थियों के साथ हुए अन्याय को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार को विद्यार्थियों व अभिभावकों ने लालदरवाजा के पास धरना दिया। कुछ विद्यार्थियों और अभिभावकों ने साबरमती आश्रम के पास भी रामधुन कर विरोध जताया। ये विद्यार्थी रैली निकालकर कलक्टर को ज्ञापन देने वाले थे, लेकिन रैली की मंजूरी नहीं मिल सकी।
पाटीदारों को ओबीसी आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल भी अपने साथियों के साथ यहां पहुंचे और धरना स्थल पर विद्यार्थियों को न्याय दिलाने की सरकार से मांग की। पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ हुए अन्याय के मामले में सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। यह दर्शाता है कि गुजरात का शिक्षा स्तर कैसा है। विद्यार्थियों को नीट की तैयारी करने के लिए रीडिंग रूम तक उपलब्ध नहीं हैं।
विद्यार्थियों का कहना था कि जब वन नेशन व वन एक्जाम की बात हो रही है तो प्रश्न-पत्र भी एक ही होना चाहिए। अलग-अलग भाषाओं में कठिनाई का स्तर भी एक ही होना चाहिए। पाठ्यक्रम भी पूरे देश में एक होना चाहिए। पटेल के अनुसार सरकार को ऐसा करने से पहले पूरे देश में पाठ्यक्रम को एक करने की जरूरत थी।