नेशनल हाई स्पीड रेल ने बनाया खुद का नवप्रवर्तन ट्रस्ट
अहमदाबाद. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने नई तकनीक को विकसित करने के लिए हाई स्पीड रेल नव प्रवर्तन सेन्टर ट्रस्ट का गठन किया है। इसका मकसद हाई स्पीड रेल नई तकनीक को विकसित करना, रेल संरक्षा, उत्पादकता, कार्य कुशलता, ग्राहक संतुष्टि के लिए रेल उद्योग के मुद्दों का समाधान करना है।
यह ट्रस्ट हाई स्पीड रेल के सभी आयामों में पेशेवर विशेषज्ञता विकसित करेगा। हाई स्पीड रेलवे के संबंधित क्षेत्रों में भारतीय तकनीक क्षमताओं को लाभान्वित करेगा। साथ ही स्वदेशी क्षमताओं का विकास भी करेगा ताकि महत्वपूर्ण चुनौतियों तथा अवसरों पर भारतीय रेल यातायात उद्योग को नवोन्मेषी एवं स्वदेशी, रणनीति विश्लेषण कराया जा सके।
मौजूदा समय में रेल यातायात और अनुरक्षण प्रबंधन सॉफ्टवेयर का आयात किया जाता है, जिससे किसी भी परियोजना में काफी अधिक संसाधन लग जाते हैं। स्वदेशी सॉफ्टवेयर के मॉडल, संसाधनों की बचत करेंगे और भारतीय परिस्थितियों के अधीन डिजाइन में सुधारों के अध्ययन में किफायती भी होंगे। वहीं बिजली विद्युत आपूर्ति प्रणाली के डिजाइन प्रमाणीकरण के लिए स्वदेशी सिम्युलेशन मॉडल तैयार किया जाएगा। स्वदेशी सिमुलेशन सॉफ्टवेयर के मॉडल, समय और धनराशि की बचत करेंगे। इसके अलावा डोर सिस्टम, ब्रेक, यात्री उद्घोषणा, यात्री सूचना प्रणाली, रॉलिंग स्टॉक सिस्टम इन्टीग्रेशन और सिग्नलिंग तथा टेलीकम्युनिकेशन है। सिमुलेटरों के स्वदेशी विकास के लिए होनेवाले अनुसंधान में नवोन्मेष केन्द्र ट्रस्ट सहायता करेगा। ट्रस्ट की पहली बैठक मुंबई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हुई, जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- गांधीनगर के निदेशक एवं प्रोफेसर सुधीर जैन, आईआईटी-तिरुपति के निदेशक प्रो. के.एन. सत्यनारायण, आईआईटी -मुंबई े प्रोफेसर के.वी. कृष्णाराव, आईआईटी-चेन्नई के प्रो. आर. डेविड कोयल पिल्लई, नेशनल हाई स्पीड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अचल खरे समेत कई विशेषज्ञों ने हाई स्पीड रेल के निर्माण के विभिन्न पहलुओं में नवोन्मेष से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श किया।