राज्यपाल को विज्ञान संकाय की छात्रा एंजल मूंगफली से बनाई कुकीज भेंट करती हुई।
जूनागढ़. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है, इससे नई क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती यह खेती ही ईश्वर की पूजा और प्रकृति की रक्षा करने वाली है।
वे जूनागढ़ में जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी में पद्मश्री से सम्मानित सुभाष पालेकर की उपस्थिति में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती जन आंदोलन व कृषि अधिवेशन में बोल रहे थे। दो दिवसीय अधिवेशन में उन्होंने गुजरात के विविध गांवों में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कर रहे 1800 से अधिक किसानों से रविवार को सीधा संवाद किया।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों के मित्र समान केंचुए बढ़ेंगे। उन्होंने रासायनिक खेती से बंजर हुई जमीन नई पीढ़ी को ना देकर फलदायी जमीन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प प्राकृतिक खेती में उत्पादन खर्च कम होने के कारण इस खेती से ही सिद्ध होगा।
पद्मश्री से सम्मानित सुभाष पालेकर ने किसानों को मूंगफली, गन्ने व अन्य उपजों की खेती करने की तकनीक बताई। उन्होंने कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने गांव में प्राकृतिक खेती कर उसके परिणाम का अनुभव किया है और अब गुजरात के किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने के लिए पे्ररित कर रहे हैं। पालेकर ने कहा कि आगामी 6 महीनों में गुजरात के प्रत्येक गांव में प्राकृतिक खेती के एक मॉडल खेत से किसानों को प्रशिक्षण देने की योजना है।
30 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती की दिशा में आगे बढ़ाने की योजना
कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनमचंद परमार ने कहा कि वर्तमान वर्ष में 30 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती की दिशा में आगे बढ़ाने की योजना है, कृषि यूनिवर्सिटी व प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के बीच समन्वय कर विस्तार भी किया जाएगा। गुजरात में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के मुख्य संयोजक प्रफुल सेंजलिया ने गुजरात के किसानों में आ रही जागृति की जानकारी देते हुए कहा कि यह अधिवेशन कृषि क्षेत्र में कल्याण व सृष्टि को जहर से मुक्त करने का माध्यम बनेगा। राज्यपाल को विज्ञान संकाय की छात्रा एंजल ने मूंगफली से बनाई कुकीज, किसान रसिक दोंगा ने गाय आधारित खेती से पके केले, परषोत्तम सीदपरा ने गिर के गाय से बनाई मिठाई भेंट की।