जिन स्थानों की अनुमति लेनी है पुलिस निरीक्षक वहां का जायजा लेंगे। छह फीट की दूरी के साथ-साथ फिजिकल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए गोलाकार (फ्लोर मार्किंग) सुनिश्चित करने के बाद ही पुलिस निरीक्षक की ओर से अनुमति दी जाएगी। कार्यक्रम स्थल पर यदि बैठने की व्यवस्था हो तो कुर्सियों के बीच छह फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा।
आयोजकों को पूजा और आरती के लिए एक ही घंटे की मंजूरी दी जाएगी। अनुमति सिर्फ गरबी व मूर्ति स्थापना, पूजा और आरती के लिए ही दी जाएगी। इस दौरान गरबा नहीं किए जा सकेंगे। आयोजकों को इसका विशेष ध्यान रखना होगा।
पैकेट में प्रसाद वितरण करना होगा कार्यक्रम को लेकर सिर्फ पैकेट में ही खुले स्थान पर प्रसाद वितरण किया जा सकेगा। पैक किए बगैर खुले प्रसाद वितरण नहीं किया जा सकेगा। प्रसाद का वितरण करने वाले को हैण्ड ग्लोव्स पहनना जरूरी होगी। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने की व्यवस्था करनी होगी।
थर्मल स्केनिंग (Thermal scanning) व सेनेटाइजर (sanetizers) रखना होगा कार्यक्रम स्थल पर थर्मल स्केनिंग और सेनेटाइजिंग की सुविधा रखनी होगी। साथ ही स्टेज, माइक, स्पीकर और कुर्सियां सेनेटाइज करनी होगी। कार्यक्रम दौरान सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, पान-मसाला और गुटका का सेवन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका सख्ती से पालन करना होगा। वहीं तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी।
आरोग्य सेतु (arogya setu) का उपयोग करना होगा
कार्यक्रम स्थल पर आरोग्य सेतु ेएप का उपयोग करना होगा। वहीं 200 से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे। 65 से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और 10 से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों के शिकार व्यक्ति समारोह में भाग न लें। गरबाा, दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों से संबंधित धार्मिक पूजा घ में ही रहकर परिवार के सदस्य करें।
कार्यक्रम स्थल पर चाय-नास्ता, भोजन की व्यवस्था नहीं रखी जा सकेगी। हालांकि इसके लिए अलग से हॉल या स्थान की व्यवस्था की जा सकती है। जहां एक ही समय पचास से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित न हो और बैठक व्यवस्था के दौरान व्यक्तियों के बीच छह फीट की दूरी रखनी होगी।
रावण दहन, रामलीला नहीं हो सकेंगे
मेला, रैली, प्रदर्शन, रावण दहन, रामलीला, शोभायात्रा, गरबा और स्नेह मिलन जैसे सामूहिक कार्यक्रम जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होने की संभावना हो ऐसे कार्यक्रम प्रतिबंधित रहेंगे। गरबा, दुर्गा पूजा, दशहरा, शरद पूर्णिमा, दीपावली, नव वर्ष और भाई दूज जैसे त्योहार तथा धार्मिक पूजा घर में रहखर परिवार के सदस्यों के साथ करना ही उचित रहेगा।