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नौसेना अधिकारियों के लिए मददगार बनेगा इन्टरनेशनल मेरीटाइम लॉ

locationअहमदाबादPublished: Jun 13, 2021 09:57:14 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

navy officers, international, meritime law, GNLU, Indian Navy : भारतीय नौसेना व गुजरात नेशनल लॉ यूनिविर्सटी ने चलाया ‘लॉ ऑफ द सी एंड मेरीटाइम लॉÓ

नौसेना अधिकारियों के लिए मददगार बनेगा इन्टरनेशनल मेरीटाइम लॉ

नौसेना अधिकारियों के लिए मददगार बनेगा इन्टरनेशनल मेरीटाइम लॉ

गांधीनगर. भारतीय नौसेना व गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (जीएनएलयू) के संयुक्त तत्वावधान में ‘लॉ ऑफ द सी एंड मेरीटाइम लॉÓे पर दीर्घकालिक पाठ्यक्रम किया गया। इसका मकसद नौसेना अधिकारियों की क्षमता बढ़ाना है। इसके लिए गत मई में जीएनएलयू और भारतीय नौसेना के बीच समझौता हुआ था। यह पाठ्यक्रम नौसेना अधिकारियों के लिए इन्टरनेशनल मेरीटाइम लॉ में काफी मददगार होगा।
इसके मद्देनजर ही जीएनएलयू ने चार माह के रेजिडेन्सियल दीर्घकालिक पाठ्यक्रम का आयोजन किया था। इस पाठ्यक्रम में साठ विशेषज्ञों ने नौसेना अधिकारियों को 75 दिनों तक मेरी टाइम लॉ के पाठ पढ़ाए गए। इन विशेषज्ञों में शिक्षाविद, शोधकर्ता, प्रेक्टिशनर, कंसल्टेन्ट्स और अंतरराष्ट्रीय न्यायाधीश शामिल थे, जिसमें आधे विदेशी थे।
मेरीटाइम वॉरफेर सेन्टर-कोच्चि के कमाण्डर पराग त्यागी एवं जीएनएलयू के निदेशक प्रो. डॉ. एस. शांताकुमार की अध्यक्षता में दीक्षांत समारोह हुआ। कमाण्डर पराग त्यागी ने पाठ्यक्रम की डिजाइन और डिलीवरी पर संतोष जताते कहा कि कोरोना महामारी के बाद जब भी हम फिजिकल क्लास रूम में मिलेंगे। उसके बाद भी आगामी कोर्स के लिए फिजिकल और वच्र्युअल दोनों ही मिश्रित शिक्षा पद्धति चालू रखेंगे ताकि प्रतिभागियों को प्रत्येक विषय के श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का लाभ मिल सके।
जीएनएलयू के निदेशक डॉ. एस. शांताकुमार ने नौसेना का आभार जताते कहा कि भारतीय नौसेना चार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मिलेट्री की भूमिका, डिप्लोमेटिक भूमिका, कांस्टेब्यूलरी भूमिका और सौम्य भूमिका। पाठ्यक्रम बनाते समय चारों ही भूमिका पर महत्व दिया गया। उन्होंने विश्वास जताया कि पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारी ये सभी प्रभावी तरीके से भूमिका निभाएंगे।
पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले एक अधिकारी लेफ्टिनेन्ट सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि जीएनएलयू एवं भारतीय नौसेना की यह पहल नौसेना अधिकारियों को इन्टरनेशनल मेरीटाइम लॉ का ज्ञापन प्राप्त करने और उसके प्रभावी उपयोग में मददगार होगा। जीएनएलयू के सहायक प्रोफेसर एवं कोर्स को-ओर्डिनेटर हर्षा राजवंशी ने पाठ्क्रम की विस्तृत जानकारी दी। जीएनएलयू के रजिस्ट्रार डॉ. जगदीशचन्दर ने आभार जताया।

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