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अहमदाबाद

देश में कोकिन का मुख्य सप्लायर गिरफ्तार

अहमदाबाद एनसीबी की निशानदेही पर बैंगलूरु से पकड़ा,ट्रांजिट रिमांड के जरिए लाया गया अहमदाबाद, दर्जनों मामलों में लिप्तता

अहमदाबादMar 08, 2018 / 09:58 pm

Nagendra rathor

accused
अहमदाबाद. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की अहमदाबाद जोनल यूनिट ने भारत में कोकिन के मुख्य सप्लायर को पकडऩे में सफलता पाई है। बीते करीब एक साल में देशभर में कोकिन व एम्फेटामाइन के साथ पकड़े गए एक दर्जन विदेश के रहने वाले आरोपियों की पूछताछ में इसका पता चला।
गुजरात के भी दो मामलों में यह वांछित था। एनसीबी अहमदाबाद यूनिट की निशानदेही पर इसे रविवार को दिल्ली से बैंगलूरु जा रही राजधानी एक्सप्रेस से इसे बैंगलूरु एनसीबी ने पकडऩे में सफलता पाई थी। अहमदाबाद एनसीबी ने ट्रांजिट रिमांड के आधार पर गुरुवार को इसे गिरफ्तार किया। एनसीबी अहमदाबाद के क्षेत्रीय निदेशक हरिओम गांधी बताते हैं कि मूलरूप से नाइजीरिया का रहने वाले इस युवक का नाम जॉन सोमाडिना(41) है। काफी समय से दिल्ली में रहता है। अपना पासपोर्ट फाड़कर फेंक दिया है। यह अलग अलग नाम से पहचाना जाता है। आरोपी देश में २०१४ से ड्रग्स का रैकेट चला रहा है।
एनसीबी की ओर से जून-२०१७ में अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर दिल्ली सराय रोहिल्ला-बांद्रा गरीब रथ एक्सप्रेस से पकड़े गए मूल केन्या निवासी जॉन विलियम्स की पूछताछ में इसकी लिप्तता सामने आई थी। केन्याई नागरिक के पास से फुटवेयर, टाई बॉक्स व ईयरफोन बॉक्स में चतुराई पूर्वक छिपाकर रखी गई ५८७ ग्राम कोकिन और ७०० ग्राम एम्फेटामाइन बरामद की गई थी।
जून-२०१७ में ही वडोदरा रेलवे स्टेशन पर दिल्ली-गोवा राजधानी एक्सप्रेस से पकड़े गए नाइजीरियन युवक पीटर चिनेन्दु ओका (27) की पूछताछ में भी इसका पता चला था। पीटर के पास से साढ़े तीन करोड़ रुपए की ८४३ ग्राम एम्फेटामाइन, ६५ ग्राम एक्सटेसी टेबलेट के साथ २५५ ग्राम कोकिन बरामद हुई थी। उसने तीन लेडिज पर्स, दो स्टील पिस्टन, एक जेन्ट्स सैन्डल और एक पेन स्टैंड व पार्कर पेन गिफ्ट पैक में छिपाकर रखा था।
नौ महीनों में देशभर से एक दर्जन पकड़े गए :
गांधी ने बताया कि इन दोनों केस के अलावा बीते नौ महीनों में देशभर में करीब 11 से 12 लोग पकड़े गए हैं, सभी की पूछताछ में कोकिन का मुख्य सप्लायर जॉन होने का खुलासा हुआ।यह आरोपी दक्षिण अमरीका में रहने वाले अपने साथियों के साथ मिलकर सस्ते में कोकिन खरीदता और फिर उसे युवतियों व अन्य युवकों के माध्यम से दिल्ली या मुंबई मंगवाता। हाल ही में मुंबई में पकड़ी गईं बोलीविया की तीन युवतियों के पास से मिले कोकिन को इसी ने मंगवाया था।
रामवीर के नाम से भी बुलाते हंै लोग :
गांधी ने बताया कि नाइजीरियन लोगों की तुलना में इसका रंग काफी साफ है, जिससे इसे दिल्ली में लोग रामवीर के नाम से भी पुकारते हंै। यह काफी शातिर है। गिरफ्त से बचने के लिए कभी खुद सप्लाई नहीं करता था। ना ही असली नाम बताता था। यह एक दो नहीं, बल्कि चार लेयर में हैंडलर्स की मदद से ही सप्लाई करता था। ताकि एक या तो पकड़े जाएं तो भी इसका नाम ना खुले। मणिपुर व अन्य राज्यों की काफी युवतियां भी इसके चंगुल में फंसी हंै।
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