नए चिकित्सकों को एक वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में देनी होगी सेवा
तीन वर्ष के मुकाबले अब…-पांच लाख का बॉन्ड और १५ लाख की होगी बैंक गारंटी-ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए निर्णय
नए चिकित्सकों को एक वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में देनी होगी सेवा
अहमदाबाद. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम उठाया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद नए चिकित्सकों को तीन वर्ष के बदले अब सिर्फ एक वर्ष ही ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देनी होगी। इसके लिए पांच लाख का बॉन्ड और पन्द्रह लाख की बैंक गारंटी का प्रावधान है। यदि कोई चिकित्सक एक वर्ष भी ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का इच्छुक नहीं है तो उन्हें राज्य सरकार को बीस लाख रुपए चुकाने होंगे अन्यथा गुजरात में निजी प्रेक्टिस नहीं कर पाएंगे।
उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि दूर-दराज के गांवों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। पढ़ाई के बाद चिकित्सक बनने पर ग्रामीण स्तर पर तीन वर्ष की सेवा जरूरी थी, जिसे कम कर एक वर्ष किया गया है। लेकिन इसके लिए पांच लाख रुपए के बॉन्ड के अलावा और पन्द्रह लाख रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी। बीस लाख रुपए की यह गारंटी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के दौरान ही देनी होगी। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामूहिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार संचालित मेडिकल कॉलेजों में जो विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है उन्हें राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन वर्ष की सेवाएं देने के लिए पांच लाख रुपए का बॉण्ड लिया जाता था। इस नियम को संशोधित कर तीन वर्ष के मुकाबले अब एक वर्ष किया है। जबकि पांच लाख रुपए के बॉण्ड के अलावा पन्द्रह लाख की बैंक की गारंटी देनी होगी।
नहीं तो चुकाने होंगे बीस लाख
उपमुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों में एक वर्ष सेवा देने के इच्छुक नहीं हैं तो राज्य सरकार को बीस लाख रुपए चुकाने होंगे। जिसके बाद ही गुजरात में निजी प्रेक्टिस करने की अनुमति दी जाएगी। अर्थात मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से प्रमाणपत्र मिलेगा। यह नियम जारी वर्ष से ही लागू होगा। इस वर्ष सरकार ने ५३६० एमबीबीएस की बैठकों तथा आयुर्वेदिक पद्धति की सभी सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की है। नए नियम का लाभ लेने वाले विद्यार्थियों को सभी शर्तों का पालन करना होगा। राज्य सरकार गरीब विद्यार्थियों को इन शर्तों में से कुछ छूट भी दे सकती है।