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‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण से गुजरात ज्ञान की महासत्ता बनेगा ‘

locationअहमदाबादPublished: Oct 21, 2021 09:38:03 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

New education policy, knowledge, chief minister , vice chancellor, : राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० के शीघ्र अमलीकरण की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

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‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण से गुजरात ज्ञान की महासत्ता बनेगा ‘,’नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण से गुजरात ज्ञान की महासत्ता बनेगा ‘

गांधीनगर. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० के अमलीकरण के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए रोडमैप को लेकर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में गांधीनगर में बैठक हुई।
मुख्यमंत्री पटेल ने बैठक में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपतियों को संबोधित करते कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण से गुजरात वैश्विकस्तर पर ज्ञान की महासत्ता बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बनी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० का उद्देश्य देशभर में शिक्षा के लिए बेहतर ढांचा तैयार करना है। मुख्यमंत्री ने शिक्षाविदों के चर्चा की और गुजरात की शिक्षा को समृद्ध और वैश्विक बनाने में सभी के सहयोग की उम्मीद जताई।
इस मौके पर शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण परिबल साबित होगी। शिक्षा से सिर्फ साक्षरता और संख्या ज्ञान ही नहीं बल्कि उच्चस्तरीय तार्किक और समस्या का समाधान से संबंधित बौद्धिक क्षमताओं का विकास भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर माहौल मिले। व्यक्तिगत ध्यान दिया जाए। विद्यार्थियों को सीखने के लिए विभिन्न अनुभव उपलब्ध कराना जरूरी है।
राज्य के शिक्षामंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि परीक्षालक्षी पढ़ाई के बजाय संकल्पनात्मक पढ़ाई पर विशेष जोर देना चाहिए। तार्किक निर्णय शक्ति और नवाचार को प्रोत्साहित करना चाहिए। बैठक में आगामी समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति शीघ्र लागू करने को लेकर मंथन किया गया। नई शिक्षा नीति में अल्पकाल (०-३ वर्ष), मध्यम कालीन (३-६ वर्ष) और दीर्घकालीन (६-१० वर्ष) के एक्शन पर चर्चा की गई। अल्पकालीन प्लान (०-३ वर्ष) के तहत विभिन्न मुद्दों जैसे कि शोध अथवा शिक्षा इन्टेन्सिव यूनिवर्सिटी, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, मल्टीपल एन्ट्री-एक्जिट सिस्टम, मल्टी डिसीप्लनरी प्रोग्राम हों। मध्यमकालीन (३-६ वर्ष) मल्टी डिसीप्लनरी शिक्षा एवं शोध यूनिवर्सिटी ग्रोस एनरोलमेन्ट रिसियो में शोध तथा परीक्षा पद्धति में संशोधन तथा दीर्घलाीन प्लान (६-१० वर्ष) के तहत कॉलेजों का डि-एफिलिएशन, गवर्नेन्स को लेकर यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन पर ध्यान केन्द्रित करने जोर दिया गया।
बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एस.जे. हैदर, उच्च शिक्षा निदेशक एम. नागराजन, तकनीकी शिक्षा निदेशक जी.टी पंड्या और विभिन्न यूनिवर्सिटी के कुलपति और शिक्षाविद् शामिल थे।
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