बिहार में सत्ता की लड़ाई के लिए करीब दो माह तक चला संभवत: अब तक का सबसे तीखा चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजते ही थम गया ।
बिहार में सत्ता की लड़ाई के लिए करीब दो माह तक चला संभवत: अब तक का सबसे तीखा चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजते ही थम गया ।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए हो रहे चुनाव के प्रचार में सत्तारुढ़ जनता दल जदयू और राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन और भारतीय जनता पार्टी, लोकजनशक्ति पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी ।
महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां विरोधी दलों की बखिया उधेडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी वहीं भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,भाजपा अध्यक्ष अमित शाह,कई केन्द्रीय मंत्री,विधानसभा में विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव,पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी,लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में शामिल दलों की पोलपट्टी खोलने में पूरी ताकत लगा दी ।
ऐतिहासिक कहे जा रहे इस चुनाव में मोदी करिश्मा जहां दांव पर है वहीं श्री कुमार के सुशासन और विकास कार्यों के दावों तथा अगड़े-पिछड़े की लड़ाई के एलान को भी कसौटी पर कसा जायेगा इस चुनाव पर देश-विदेश की नजर लगी हुई है ।
माना जा रहा है कि बिहार चुनाव का असर राष्ट्रीय राजनीति के साथ पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के चुनावों पर भी पड़ेगा। पांच चरणों में हुये चुनाव में 3455 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं ।
अब तक 2628 प्रत्याशियों का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में लॉक हो गया है । अब पांचवें और अंतिम चरण में 827 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 05 नवम्बर को होगा ।