scriptNFSU presented the concept of Preventive Forensic to the world | प्रिवेन्टिव फॉरेंसिक की अवधारणा पहली बार एनएफएसयू ने दुनिया के समक्ष रखी: डॉ व्यास | Patrika News

प्रिवेन्टिव फॉरेंसिक की अवधारणा पहली बार एनएफएसयू ने दुनिया के समक्ष रखी: डॉ व्यास

locationअहमदाबादPublished: Feb 23, 2023 05:24:26 pm

Submitted by:

Pulakit Sharma

गांधीनगर. एनएफएसयू के कुलपति डॉ. जे.एम.व्यास ने फोरेंसिक विज्ञान के महत्व के बारे में 150 से अधिक देशों के भ्रष्टाचार विरोधी क्षेत्र में काम करने वाले 1000 से अधिक अधिकारियों को ऑनलाइन जानकारी दी।

प्रिवेन्टिव फॉरेंसिक की अवधारणा पहली बार एनएफएसयू ने दुनिया के समक्ष रखी: डॉ व्यास
प्रिवेन्टिव फॉरेंसिक की अवधारणा पहली बार एनएफएसयू ने दुनिया के समक्ष रखी: डॉ व्यास
गांधीनगर. एनएफएसयू के कुलपति डॉ. जे.एम.व्यास ने फोरेंसिक विज्ञान के महत्व के बारे में 150 से अधिक देशों के भ्रष्टाचार विरोधी क्षेत्र में काम करने वाले 1000 से अधिक अधिकारियों को ऑनलाइन जानकारी दी।
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एंटी-करप्शन प्राधिकरण (आईएएसीए) हांगकांग की ओर से दो दिवसीय आईेएएसीए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमÓ के उद्घाटन सत्र में बुधवार को उन्होंने कहा कि एनएफएसयू फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में कौशल्य युक्त विशेषज्ञों की जनशक्ति तैयार कर दुनिया को सुरक्षित बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब तक दुनियाभर के 72 से अधिक देशों के 5,000 से अधिक अधिकारियों को एनएफएसयू की ओर से फॉरेंसिक विज्ञान के लिए प्रशिक्षित किया गया है। 2009 में ५ पाठ्यक्रम के साथ शुरू हुए इस विश्वविद्यालय में वर्तमान में 72 से अधिक स्नातकोत्तर से पीएचडी तक पाठ्यक्रम चल रहे है। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त पी.के. श्रीवास्तव की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि विश्व का सर्वप्रथम और एकमात्र एफएसयू गुजरात में स्थापित किया गया है। डॉ. व्यास ने कहा कि प्रिवेन्टिव फॉरेंसिक की अवधारणा को पहली बार एनएफएसयू के मार्फत विश्व के समक्ष दर्शाया गया है। एनएफएसयू व फ्लोरिडा विश्वविद्यालय साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल फॉरेंसिक सहित विषयों पर शोध कर रहे हैं। एनएफएसयू अमरीकी सरकार के साथ समझौते के तहत दूसरे विश्व युद्ध में मरने वाले अमेरिकी सैनिकों की खोज में फोरेंसिक मदद प्रदान कर रही हैं। एनएफएसयू नामीबिया, जिम्बाब्वे, रवांडा जैसे देशों की फॉरेंसिक क्षमता-निर्माण के लिए भी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने फोरेंसिक विज्ञान को बढावा मिलने के उद्देश्य से छह साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फोरेंसिक जांच का प्रावधान किया है। इससे सजा मिलने की दर में वृद्धि होगी, क्योंकि फोरेंसिक जांच से सबूत उपलब्ध होंगे। एनएफएसयू के डेढ़ साल से ज्यादा समय के शोध के साथ भारत में ही निर्मित की गई मोबाइल फोरेंसिक वैन का उपयोग अभी दिल्ली पुलिस कर रही है। यह मोबाइल फोरेंसिक वैन अपराध में साक्ष्य और वैज्ञानिक जांच के लिए अपराध स्थल पर शीघ्रता से पहुंच सकती है। इस तरह के प्रयासों के साथ सबूतों का समर्थन कर न्यायपालिका को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस तरह फोरेंसिक विशेषज्ञ अपराध स्थल से लेकर अदालत में भी योगदान प्रदान करते है।
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