Ahmedabad News दवाईयों की शोध में परंपरागत विज्ञान का भी करें उपयोग: मांडविया
NIPER Ahmedabad, Gujarat, research, Neurological disorder, Mansukh Mandaviya, Nitin Patel, Minister, Medicine, discovery, traditional science नाइपर में मस्तिष्क संबंधी रोग एवं उसकी चिकित्सा विषय पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस
Ahmedabad News दवाईयों की शोध में परंपरागत विज्ञान का भी करें उपयोग: मांडविया
अहमदाबाद. केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कैंसर, एड्स, एलर्जी और मस्तिष्क रोग के उपचार में प्रभावी हों, ऐसी दवाईयों की शोध करने में जुटे वैज्ञानिकों, शोधार्थियों को भारत के परंपरागत विज्ञान, आयुर्वेद एवं उसके डाटा का भी उपयोग करना चाहिए। इसमें कई जटिल रोगों का बेहतरीन उपचार है। जो मौजूदा दौर में एलोपैथी दवाईयों को और भी ज्यादा असरकारक बनाने में उपयोगी साबित हो सकती हैं।
मांडविया गुरुवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजूकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) अहमदाबाद की ओर से गिफ्ट के एक क्लब में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुराने वैध सिर्फ नाडी देखकर रोग का पता लगा लेते थे। उनके पास भी बेहतर विद्या है। उसका भी उपयोग करना चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा दवाईयां भारत में ही रिसर्च करके बनाने की दिशा में ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। इतना ही नहीं उसका पेटेन्ट भी कराना चाहिए।
‘मस्तिष्क रोग एवं उसकी चिकित्सा’ विषय पर हो रही इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि फार्मा के क्षेत्र में गुजरात और भारत की अच्छी स्थिति है। लेकिन सबसे जरूरी है दवाईयों की शोध, जिसमें भारत में अभी कम काम हो रहा है। जितनी ज्यादा शोध होगी और पेटेन्ट लेंगे उतना ज्यादा ग्लोबल मार्केट में भारत मजबूत होगा। कॉन्फ्रेंस में देश एवं छह अलग अलग देश के कई चिकित्सक शिरकत कर रहे हैं। नाइपर की निदेशक डॉ.किरण कालिया ने अतिथि एवं वक्ताओं का स्वागत किया। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ.पल्लब भट्टाचार्य ने आभार ज्ञापित किया।
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