उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के 2200 से 25000 नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की अध्यक्षता में होनेवाली कोर कमेटी की बैठक में समीक्षा कर उचित निर्णय किए जा रहे हैं।
फर्जी बिल बनाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे
उन्होंने फर्जी बिल बनाकर मरीजों से वसूली करने वालों अस्पतालों को चेताते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी तरीके से कदम उठा रही है।
ऐसे में आमजन को भी कोरोना दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। राज्य के निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के फर्जी बिल बनाकर और गैर जरूरी तरीके से भर्ती रखकर रुपए ऐंठने वाले का प्रयास करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए राज्य सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई। ये टीमें रविवार से राज्य के सभी निजी अस्पतालों का जायजा लेंगी और मरीजों के उपचार का अध्ययन करेंगी। यदि अनियमितता सामने आई तो एपेडेमिक एक्ट के तहत इन अस्पतालों पर कारवाई होगी।
जिला कलक्टर व मनपा आयुक्त को जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि राज्य के महानगरों में कोरोना मरीजों को तत्काल उपचार मुहैया कराने के लिए निजी अस्पतालों में और अत्यधिक बेड सुरक्षित करने का जिला कलक्टर और महानगरपालिका आयुक्त को अधिकार दिया गया है।
गत एक अप्रेल से राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों से गुजरात आनेवाले नागरिकों का आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने पर ही प्रवेश मिलेगा। पर्याप्त मात्रा में है रेमेडिसिविर इंजेक्शन
उन्होंने कहा कि कोरोना उपचार में उपयोगी रेमेडिसिविर इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में राज्य में उपलब्ध है। इसके लिए आमजन को चिंता करने जरूरत नहीं है। पचास हजार वायल का ऑर्डर दिया गया है, जो शीघ्र ही उपलब्ध होगा।