कार्यकर्ताओं से उनका जीवंत संपर्क झड़़फिया ने कहा कि भले ही वे गुजरात के हों, लेकिन उन्हेंं यूपी में पार्टी के काम में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने खुद को गुजरात में हिन्दी भाषी लोगों का सबसे बड़ा नेता बताते हुए कहा कि उनके यूपी, राजस्थान, बिहार व अन्य प्रदेशों के लोगों के साथ अच्छे संपर्क हैं। रखियाल विधानसभा क्षेत्र हिन्दी भाषी बहुल हैं जहां से वे तीन बार विधायक रह चुके हैं। यहां के कार्यकर्ताओं की बेटियों के विवाह में वे कई बार यूपी के कई शहरों में जा चुके हैं। यूपी के कार्यकर्ताओं से उनका जीवंत संपर्क है। वे लगातार संपर्क में रहते हैं। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए भी वे यूपी में काम कर चुके हैं। उनका कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा कनेक्ट है। इसके साथ-साथ यूपी में भाजपा के योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार है और बड़ा संगठन भी है। झड़फिया ने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी का आधार है। यूपी के चंद्रभान मिश्र जैसे पार्टी कार्यकर्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी यह कार्यकर्ता बिना किसी पद या लालसा के साइकिल से पार्टी का प्रचार करते हैं।
सब कुछ देखता है नेतृत्व उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा कार्यकर्ता को देखती है। नेतृत्व भी कार्यकर्ताओं-नेताओं को देखता है। पार्टी कार्यकर्ताओं की निष्ठा, क्षमता, मिलनसार, लोगों में स्वीकार्यता और संगठनात्मक कौशल देखती है। पार्टी हर कुछ निरीक्षण करती है। यह सब कुछ देखने के बाद पार्टी पद और जिम्मेवारी तय करती है। नेतृत्व यह भी देखता है कि नेता की सामाजिक नींव कितनी मजबूत है।
बीती बातें भूलना चाहते हैं झड़फिया ने कहा कि उनका अलग पार्टी बनाना, मंत्री पद से इन्कार करना जैसी सभी बीती बातें वे भूलना चाहते हंैं। हालांकि आरएएस से उनका जुड़ाव हमेशा से रहा। पाठशाला वही है, सीख वही है। इसलिए वे पार्टी की विचारधारा से हमेशा जुड़े रहे हैं।
लोकसभा चुनाव सबसे बड़ा कुंभ जब यह पूछा गया कि क्या वे कुंभ जाएंगे, तब झड़फिया ने कहा कि उनका यह सौभाग्य होगा यदि उन्हें कुंभ में जाने का मौका मिले, हालांकि फिलहाल सबसे बड़ा कुुंभ तो लोकसभा चुनाव का है जिसमें उन्हें स्नान भी करना है।