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स्वाद नहीं, स्वास्थ्य के लिए सावधान रहकर भोजन का चयन करें : डॉ. जिगीशा

locationअहमदाबादPublished: Nov 26, 2018 12:16:41 am

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

21 शहरों में लोगों को स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित आहार का दिया संदेश

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स्वाद नहीं, स्वास्थ्य के लिए सावधान रहकर भोजन का चयन करें : डॉ. जिगीशा

वडोदरा. महापौर डॉ. जिगीशा शेठ ने कहा कि स्वाद नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए सावधान रहकर लोगों को भोजन का चयन करना चाहिए। वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (सार्ध शताब्दी) के आयोजनों के तहत स्वस्थ भारत साइक्लोथॉन (स्वस्थ भारत साइकिल यात्रा) के आगमन पर यहां महात्मा गांधी नगरगृह में रविवार को आयोजित खोराक सलामती (भोजन सुरक्षा) परिसंवाद में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि स्वाद के लिए नहीं बल्कि शरीर की पाचन क्षमता व अनुकूलता को ध्यान में रखकर भोजन-आहार पसंद करना चाहिए व समय पर भोजना करना चाहिए। भरपेट भोजन के बदले पेट को थोड़ा खाली रखकर खाने की आदत से स्वास्थ्य संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेफ्रिजरेटर सरीखे भोजन रखने के साधन बीमारी का घर ना बने, इसके लिए विवेकपूर्ण उपयोग करना जरूरी है।
खाद्य व औषध नियमन विभाग की उपायुक्त दीपिका चौहाण ने कहा कि वडोदरा से गोधरा की यात्रा के लिए शहर के 157 साइकिल यात्रियों ेने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि अब केवल आयोडीनयुक्त नहीं बल्कि आयरन व आयोडीनयुक्त डबल फोर्टीफाइड नमक व विटामिन ए व डी से फोर्टीफाइड दूध का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड्स अथोरिटी ऑफ इंडिया के उप निदेशक व गुजरात इकाई के समन्वयक अखिलेश गुप्ता के अनुसार विश्व आहार दिवस पर पिछली 16 अक्टूबर से शुरू हुई स्वस्थ भारत साइकिल यात्रा की गुजरात-महाराष्ट्र इकाई की ओर से अब तक 21 स्थानों पर 30 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित आहार का संदेश दिया गया।
परिसंवाद में एम.एस. यूनिवर्सिटी के खाद्य व पोषण विभाग की प्रो. मिनी शेठ ने सुरक्षित खुराक और खुराक को नष्ट करने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। महानगरपालिका की स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेश शाह ने देश में 18 हजार किलोमीटर घूमने वाली साइकिल यात्रा के संदर्भ में सुरक्षित आहार की जानकारी देते हुए कहा कि दैनिक उपयोग की शक्कर उत्पादन के दौरान 29 रसायनों से निकलती है, इनमें से अनेक रसायन अपाच्य हैं। जिला कलक्टर शालिनी अग्रवाल, एनसीसी के कर्नल हिमांशीसिंह आदि भी मौजूद थे।
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