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माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों ने किया बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार

locationअहमदाबादPublished: Mar 13, 2019 11:43:42 pm

२३ मार्च से शुरू होने वाली है जांच प्रक्रिया
 

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माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों ने किया बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार

अहमदाबाद. गुजरात राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ महामंडल और गुजरात राज्य उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ महामंडल ने 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शिरकत कर रहे १८.५० लाख परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं करने का निर्णय किया है। वेतन असमानता सहित चार लंबित मांगों के पूरे नहीं होने के चलते मूल्यांकन प्रक्रिया का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
गुजरात राज्य उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ महामंडल के अध्यक्ष भरत पटेल एवं पूर्व अध्यक्ष पंकज पटेल ने बताया कि गुजरात सरकार के वित्त विभाग की ओर से १८ जनवरी २०१७ को परिपत्र जारी करके फिक्स वेतन पर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और ग्रांटेड स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों के वेतन में भारी असमानता कर दी है। सरकारी ग्रांडेट स्कूलों के शिक्षकों को जहां ३८०९० रुपए का वेतन दिया जा रहा है वहीं उसी योग्यता और प्रक्रिया के जरिए नियुक्त होने वाले ग्रांटेड स्कूल के उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक को २६ हजार रुपए का वेतन दिया जा रहा है।
इसी प्रकार से सरकारी माध्यमिक स्कूल में तैनात शिक्षक को ३१३४० रुपए का वेतन जबकि समान योग्यता और भर्ती प्रक्रिया के जरिए नियुक्त ग्रांटेड माध्यमिक स्कूल के शिक्षक को २५ हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। यह असमानता १९९९ से राज्य में लागू फिक्स वेतन भर्ती प्रक्रिया के बाद से पहली बार लागू की गई है। इसके अलावा सरकारी स्कूल में नियुक्त माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों को पहले ही दिन से सर्विस प्रोटेक्शन का लाभ दिया जा रहा है। जबकि ग्रांटेड स्कूल के शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। इसके अलावा ग्रांटेड स्कूल के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने पर पहले उन्हें ३०० दिन के हिसाब वेतन दिया जाता था, लेकिन २७ अक्टूबर २०18 से अचानक घटाकर १५० दिन कर दिया। इसके अलावा फिक्स वेतन पर रहने की समयावधि को ग्रांटेड स्कूलों के शिक्षकों की पेंशन एवं ग्रेच्युटी में भी ध्यानार्थ नहीं लिया जा रहा है। इन चार मांगों को लेकर पांच सितंबर को शिक्षक के दिन शिक्षकों ने मुंडन कार्यक्रम घोषित किया था, लेकिन शिक्षामंत्री की अपील पर रद्द रखा। उसके बावजूद भी आज तक समस्या हल नहीं हुई है। इसके चलते शिक्षकों ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। इस निर्णय से शिक्षा विभाग, जीएसईबी के अध्यक्ष, स्कूल के प्राचार्य और मूल्यांकन केन्द्र के संयोजक को अवगत कराया जाएगा।
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