अधीक्षक देवेश्वर ने चार चिकित्सकों को नोटिस देकर खुलासा मांगा है। फतेपुरा क्षेत्र में रहने वाले मुकेश कालीदास बीमार थे। सांस लेने में दिक्कत होने से उन्हें सयाजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने कोरोना टेस्ट के बगैर उपचार करने के मना कर दिया। बाद में उन्हें गोत्री अस्पताल ले जाया गया। बाद में उनके रिश्तेदार उन्हें गोत्री अस्पताल ले गए। वहां भी चिकित्सकों ने उपचार करने के इनकार कर दिया। फिर से उन्हें सयाजी अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन एम्बुलेंस में ऑक्सीजन कम हो जाने से एम्बुलेंस में ही उनकी मौत हो गई।
सयाजी अस्पताल में उनका शव ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने हंगामा मचाया। परिजनों का आरोप था मरीज को उपचार देने के बजाय एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर लगवाए गए। इससे उनकी मौत हो गई। इसी एम्बुलेंस में एक और मरीज था। दोनों ही मरीजों की चिकित्सकों की लापरवाही से मौत हो गई थी। इस मामले को डॉ. विनोद राव ने गंभीरता से लिया था। उन्होंने वडोदरा महानगरपालिका के उप आयुक्त सुधीर पटेल को जांच के आदेश दिए थे। इस मामले की जांच के बाद चार चिकित्सकों को नोटिस देकर खुलासा मांगा गया है।
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