गांधीनगर. राज्य सरकार ने राज्यभर में एनए (गैर खेती या गैर कृषि) को ऑनलाइन प्रक्रिया का निर्णय लिया है। राज्य के नागरिकों व किसानों के लिए लाभकारी इस फैसले के तहत अहमदाबाद व गांधीनगर जिले में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया। राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि जल्द ही राज्यभर में एनए प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी जाएगी।
गांधीनगर में शुक्रवार को राज्य के सभी जिला कलक्टरों की तिमाही कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने राजस्व संबंधी निर्णय जल्द से अमल किए जाने का निर्देश दिया जिससे इसका लाभ लोगों को जल्द से जल्द मिले।
कौशिक पटेल के मुताबिक जमीन के रि-सर्वे के कार्यवाही का भी प्रमोलगेशन का काम पूरा हो गया है। जिन स्थलों पर इस काम में आपत्ति जताई गई है वहां पर किसानों को विश्वास में लेकर जिला कलक्टरों से 31 दिसम्बर तक न्यायिक समाधान लाए जाने का निर्देश दिया गया है। जिन गांवों में प्रमोलगेशन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है, उन गांवों में भी खामी रहित रि-सर्वे का काम किया जाएगा। जमीन की माप से जुड़ी एजेंसियों की अनियमितता की भी जांच जा रही है।
राजस्व मंत्री के अनुसार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य की आठ महानगरपालिकाओं में सूचित सोसाइटियों को नियमित करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सांसदों, विधायकों, स्थानीय प्रतिनिधियों व जिला कलक्टरों से जागरूकता के प्रयास को कहा गया है। इसके साथ ही किसानों के जमीन से जुड़े 12 अहम दस्तावेजों की एंट्री भी समय पर किए जाने पर विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया गया है।
कलक्टरों से विभिन्न उद्देश्य के लिए सरकारी बंजर जमीन के आवंटन को लेकर कीमत तय करने के नए फॉर्मूले को अमलीकरण कर शेष मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने को कहा गया है।
मंत्री के मुताबिक राज्य के अकालग्रस्त इलाकों में उचित मात्रा में पानी, चारा व रोजगार मिलने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की ओर से गठित उपसमिति हर सप्ताह अकालग्रस्त इलाकों की समीक्षा कर कार्यवाही की जाएगी।
गांधीनगर में शुक्रवार को राज्य के सभी जिला कलक्टरों की तिमाही कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने राजस्व संबंधी निर्णय जल्द से अमल किए जाने का निर्देश दिया जिससे इसका लाभ लोगों को जल्द से जल्द मिले।
कौशिक पटेल के मुताबिक जमीन के रि-सर्वे के कार्यवाही का भी प्रमोलगेशन का काम पूरा हो गया है। जिन स्थलों पर इस काम में आपत्ति जताई गई है वहां पर किसानों को विश्वास में लेकर जिला कलक्टरों से 31 दिसम्बर तक न्यायिक समाधान लाए जाने का निर्देश दिया गया है। जिन गांवों में प्रमोलगेशन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है, उन गांवों में भी खामी रहित रि-सर्वे का काम किया जाएगा। जमीन की माप से जुड़ी एजेंसियों की अनियमितता की भी जांच जा रही है।
राजस्व मंत्री के अनुसार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य की आठ महानगरपालिकाओं में सूचित सोसाइटियों को नियमित करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सांसदों, विधायकों, स्थानीय प्रतिनिधियों व जिला कलक्टरों से जागरूकता के प्रयास को कहा गया है। इसके साथ ही किसानों के जमीन से जुड़े 12 अहम दस्तावेजों की एंट्री भी समय पर किए जाने पर विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया गया है।
कलक्टरों से विभिन्न उद्देश्य के लिए सरकारी बंजर जमीन के आवंटन को लेकर कीमत तय करने के नए फॉर्मूले को अमलीकरण कर शेष मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने को कहा गया है।
मंत्री के मुताबिक राज्य के अकालग्रस्त इलाकों में उचित मात्रा में पानी, चारा व रोजगार मिलने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की ओर से गठित उपसमिति हर सप्ताह अकालग्रस्त इलाकों की समीक्षा कर कार्यवाही की जाएगी।