गुजरात सरकार के जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
अहमदाबादPublished: May 22, 2019 12:47:59 am
-राज्य में स्थायी ओबीसी आयोग की गठन की गुहार
गुजरात सरकार के जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
अहमदाबाद. गुजरात राज्य में स्थायी ओबीसी आयोग के गठन को गुहार के साथ दायर जनहित याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से नाराजगी जताई है।
प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस दवे और न्यायाधीश बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने अहम निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस याचिका पर जवाब देने के लिए एक बार और समय दिया जाता है। राज्य सरकार ने 13 जून तक जवाब देने को कहा है। यदि अगली सुनवाई तक सरकार की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया जाता है या कोई जानकारी नहीं दी जाती है तो खंडपीठ उचित आदेश जारी करेगा।
याचिकाकर्ता उमिया परिवार विसनगर की ओर से दायर जनहित याचिका में यह कहा गया है कि गत 25 वर्षों से राज्य में स्थायी ओबीसी आयोग का गठन नहीं किया जा सका है। राज्य सरकार ने इसके लिए कोई कानून पारित नहीं किया है और न ही कोई नीति नियम बनाए हैं। राज्य में सिर्फ परिपत्र के आधार पर एक अस्थायी ओबीसी आयोग जारी है। वर्ष 1998 के इंद्रा साहनी के फैसले के बाद प्रत्येक राज्य में ओबीसी का गठन अनिवार्य है, लेकिन स्थायी आयोग के गठन नहीं होने के कारण ओबीसी में किन जातियों का समावेश किया गया है, किन जातियों की समीक्षा की गई है, यह उचित ढंग से नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं इससे आरक्षण की नीति भी प्रभावित हो रही है। इसलिए स्थायी ओबीसी का गठन किया जाए और वर्तमान अस्थायी आयोग को रद्द कर दिया जाए।