महेसाणा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वडनगर में पुरातत्त्व विभाग की ओर से किए जा रहे उत्खनन कार्य के दौरान पुरातात्विक अवशेष पाए गए। इसमें ईस्वी सन् -1 व २ के बाद के अवशेष मिले हैं। इनमें बर्तन, ताले,
मंदिर के पत्थर, शिवलिंग, माइलस्टोन आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गांव पहुंच पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा भी था कि उनका गांव में खुदाई की जाए तो पुरातन इतिहास मिलेगा, जो पर्यटन स्थल बन सकता है।
पुरातत्त्व विभाग की ओर से इन दिनों वडनगर में खुदाई कार्य किया जा रहा है। गांव की चारों दिशा में वर्तमान में दरबार क्षेत्र, अमरथोल दरवाजे के समीप आंबाघाटी क्षेत्र, शर्मिष्ठा तलाब किनारे के समीप, ब्राह्मणशेरी के पीछे व वालमिया ना माढ़ के समीप पिछले चार महीने से खुदाई कार्य शुरू किया गया है। वर्तमान व 25०० वर्ष पहले के वडनगर में फर्क, सुरक्षा की दृष्टि से बनाई योजना आदि पर वर्तमान में शोध चल रहा है।
अब तक यह मिला :
आंबाघाटी क्षेत्र में 30 फीट खुदाई के दौरान सुरक्षित दीवार मिली है। इसके अलावा स्टेज-1 व स्टेज-2 के 100 फीट लंबे व 13 फीट चौड़ाई वाले मकान भी इस स्थान पर मिले हैं। इन क्षेत्रों में खुदाई के दौरान ईंटों की लंबाई 37 से 40 सेंटीमीटर व चौड़ाई 25 से 28 सेंटीमीटर तक मिली। इसके अलावा प्राचीन सिक्के, खंडित अवस्था में मूर्तियां, शंख की चूडिय़ां, मिट्टी के प्राचीन बर्तन, बौद्धमठ उत्खनन में बौद्ध मंदिरों के अवशेष मिले हैं।
सात बार उजड़ा, फिर बसाया अनंत प्रदेश यानी वडनगर!
वडनगर के लिए कहा जाता है कि यह सात बार टूटा और सात बार नए सिरे से बसाया गया है। वडनगर कभी-भी बंजर स्थिति में नहीं रहा।
अनुमान है कि वडनगर का उपयोग व्यापारिक केंद्र के तौर पर किया जाता था और अंनत प्रदेश के तौर पर ख्याति प्राप्त था। वडनगर का कीर्ति तोरण लोगों में आकर्षण का केंद्र है। गुजरात की झांकी में वडनगर के कीर्ति तोरण का समावेश किया गया है। इतिहासकार रतिभाई भावसार के अनुसार वडनगर में चल रहे खुदाई कार्य में नगर के चारों ओर मिट्टी की दीवार मिली है, दीवार के बाहर ऊंची खाई के अवशेष मिले हैं। खाई में पानी भरा जाता था। बाहर से आक्रमण करने वाले पहले पानी भरी खाई में गिरते और इसे हमले से बचने की रचना भी मानी जा सकती।