यह लुभावना नजारा बुधवार की रात ३१ जनवरी को छह बजकर २२ मिनट से सात बजकर ३८ मिनट तक यानि एक घंटे १६ मिनट तक देखने को मिलेगा। गुजरात के साथ साथ यह पूरे देश में दिखेगा। इसमें चंद्रमा अपने अमूमन आकार से १४ प्रतिशत बड़ा और ३० प्रतिशत ज्यादा चमकीला तो नजर आएगा साथ ही इस दिन चंद्रग्रहण होने के चलते चंद्रमा लाल रंग का भी नजर आएगा। खगोलविद बताते हैं कि इससे पहले ऐसा नजारा १५० साल से पहले देखने को मिला था।
गुजरात साइंस सिटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.नरोत्तम साहू बताते हैं कि एक जनवरी को जो चंद्रमा सबसे बड़ा और चमकीला दिखा था वह वर्ष २०१८ का पहला सुपरमून था। यूं तो वर्ष २०१८ में 13 बार सुपरमून देखने को मिलेंगे। लेकिन जनवरी महीने में यह एक ही महीने में दो बार देखने को मिलेगा। यदि एक महीने में ही दो बार सुपरमून दिखाई दे तो दूसरी बार दिखने वाले सुपरमून को खगोलीय भाषा में ब्लू-मून कहते हैं। जो ३१जनवरी को दिखेगा।
डॉ.साहू बताते हैं कि 31 जनवरी बुधवार रात को चंद्रमा के तीन अनोखे रूप देखने को मिलेंगे। इसमें एक सुपरमून, दूसरा ब्लूमून और तीसरा रेडमून है। सुपरमून इसलिए क्योंकि इस दिन भी चंद्रमा पृथ्वी के पास होगा। जिससे यह १४ प्रतिशत बड़ा और ३० प्रतिशत ज्यादा चमकीला दिखेगा।
चूंकि जनवरी महीने में यह दूसरी बार सबसे पास होगा यनि सुपरमून होने के साथ पूर्णिमा भी होगी यानि पूरे आकार में चंद्रमा दिखेगा इसलिए इसे ब्लूमून कहते हैं। रेड-मून भी दिखेगा, क्योंकि क्योंकि इस दिन चंद्रग्रहण भी पडऩे वाला है। पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही लाइन में होंगे। इसके चलते चंद्रमा लाल रंग का नजर आएगा।
सबसे बेहतरीन बात यह है कि एक साथ आकाश में चंद्रमा के ऐसे तीन नजारे बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। बताया जा रहा है कि कि इससे पहले ऐसा नजारा करीब १५० साल पहले देखने को मिला था। बुधवार की रात यानि 31 जनवरी की शाम करीब साढ़े पांच बजे से ही चंद्रग्रहण की शुरूआत हो जाएगी। इस दिन चंद्रोदय का समय ६.२२ बजे हैं। इसलिए चंद्रमा अपने उदय के दौरान भी ग्रहण में होगा। यह स्थिति ७.३८ तक रहेगी। इसके बाद धीरे-धीरे चंद्र ग्रहण कम होगा।
साइंस सिटी में विशेष कार्यक्रम
गुजरात साइंस सिटी में इस दिन इसे देखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इस दिन सुबह से ही स्कूली विद्यार्थियों, शिक्षकों-आगंतुकों के लिए चंद्रमा पर किए गए अभियानों के लेक्चर, कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें इंडियन प्लानेटरी साइंस के डॉ.जे.जे.रावल उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा चंद्रयान-1 अभियान का हिस्सा रहे वैज्ञानिक नरेन्द्र भंडारी भी विद्यार्थियों को चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की अहमियत बताएंगे। शाम के समय जब सुपरमून, ब्लूमून और रेड मून का नजारा देखने को मिलेगा।
इस दौरान एम्फी थियेटर में इस नजारे को देखने के लिए टेलीस्कोप के साथ एलईडी स्क्रीन पर भी इसे प्रदर्शित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के विज्ञान सामुदायिक केन्द्रों में भी इस नजारे को दिखाने की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।