एपीलेप्सी (मिर्गी) में इन बातों का रखें ख्याल
– घबराएं नहीं, शांति रखें, मरीज को आराम से लिटा दें, कपड़े ढीले कर दें।
– आसपास यदि गरम पदार्थ या तीखे पदार्थ हों तो उसे हटा दें, सिर के नीचे तौलिया या तकिया रखें।
– मरीज को पर्याप्त हवा लगे, ऐसे माहौल बनाएं।
– अंगों की हलन-चलन को ना रोकें। बंद दांतों के बीच कुछ भी रखने का प्रयास ना करें।
– मरीज को एक करवट लिटा दें ताकि थूंक या लार आसानी से निकल सके
– मरीज को कोई चोट नहीं पहुंचे उसका ख्याल रखें।
– घबराएं नहीं, शांति रखें, मरीज को आराम से लिटा दें, कपड़े ढीले कर दें।
– आसपास यदि गरम पदार्थ या तीखे पदार्थ हों तो उसे हटा दें, सिर के नीचे तौलिया या तकिया रखें।
– मरीज को पर्याप्त हवा लगे, ऐसे माहौल बनाएं।
– अंगों की हलन-चलन को ना रोकें। बंद दांतों के बीच कुछ भी रखने का प्रयास ना करें।
– मरीज को एक करवट लिटा दें ताकि थूंक या लार आसानी से निकल सके
– मरीज को कोई चोट नहीं पहुंचे उसका ख्याल रखें।