12 घंटे के लगातार परिश्रम से मिले अंग
सयाजी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रंजन कृष्ण अय्यर के अनुसार अंगदान की प्रक्रिया पूरी करने के लिए रेलवे अस्पताल(वडोदरा) की सहायक अधीक्षक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपाली तिवारी तथा अहमदाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिचर्स सेंटर (आईकेडीआरसी) की टीम का सहयोग लिया गया। वेंटिलेटर पर रहे मरीज के उपयोगी अंगों को लेने की यह प्रक्रिया लगभग 12 घंटे तक चली। जिसमें अंगों को जांचने के लिए कई बार सोनोग्राफी व अन्य जांच की गईं। उन्होंने कहा कि इसके बाद मरीज की एक किडनी और दो आंखों का दान किया गया। इस बुजुर्ग की किडनी को सात वर्ष से डायलिसिस पर चल रहे एक मरीज (महिला) को प्रत्यारोपित किया गया।