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Video… Ahmedabad : जाते-जाते तीन लोगों को जीवन दे गए अजय परमार

locationअहमदाबादPublished: Oct 19, 2021 09:30:53 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

सिविल अस्पताल में एक माह में छह ब्रेन डेड के अंगदान

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अहमदाबाद. देव भूमि द्वारका जिले के खंभालिया निवासी 23 वर्षीय अजयसिंह परमार भले ही दुनिया से चले गए, लेकिन इससे पूर्व उनके अंगों से तीन जरूरतमंदों को नया जीवन मिल गया। एशिया के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में एक माह में ब्रेन डेड छह लोगों के अंगदान किए गए हैं जो अब तक संभवत: सबसे अधिक हैं। लोगों में अंगदान को लेकर जागरुकता बढ़ी है।
खंभालिया निवासी अजयसिंह परमार (23) का पिछले दिनों लीमडी के निकट ट्रक से गिरने पर सिर में गंभीर चोट आई थी। स्थानीय अस्पताल के बाद इस युवक को उपचार के लिए गत 15 अक्टूबर को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल लाया गया। यहां जांच करने पर शनिवार को अजय को ब्रेन डेड घोषित किया गया। सिविल अस्पताल में अंगदान के संबंध में जागरुकता देने का काम कर रही स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यु ट्रान्सप्लान्ट आर्गेनाइजेशन (सोटो) की टीम ने अजय के परिजनों से संपर्क कर अंगदान के महत्व को समझाया। परिजनों ने अंगदान के लिए स्वीकृति दी जिससे मंगलवार को अजय की दो किडनी और एक लीवर का दान किया गया। इन अंगों से जरूरतमंद तीन मरीजों को जीवन मिल सकेगा।
समय रहते अंगों का प्रत्यारोपण जरूरी
ब्रेन डेड घोषित मरीज के चार से छह घंटे में हृदय, छह से आठ घंटे में फेफड़े, लीवर और पेंक्रियाज को आठ से दस घंटे में प्रत्यारोपण किया जाना होता है। इसी तरह से किडनी को 24 घंटे, आंखों को छह घंटे में ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर से निकाल कर प्रत्यारोपण करना होता है। कई बार इस समय को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का उपयोग भी करना पड़ता है, जो जरूरी होता है।
डॉ. प्रांजल मोदी, वरिष्ठ ट्रान्सप्लान्ट सर्जन और कन्वीनर, सोटो
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सिविल अस्पताल में अब तक 53 अंगों का दान
लगातार परिश्रम कर रही सोटो की टीम के परिणामस्वरूप सिविल अस्पताल में से ही अब तक ब्रेन डेड 15 लोगों के 53 अंग दान में मिल चुके हैं। इनके माध्यम से जरूरतमंद 41 लोगों को नया जीवन मिल सका है। जबकि एक माह में अब तक ब्रेन डेड व्यक्तियों के अंगों को दान में देने की स्वीकृति दी जा चुकी है। पिछले कुछ दिनों से सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान में वृद्धि हुई है।
डॉ. राकेश जोशी, चिकित्सा अधीक्षक सिविल अस्पताल
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