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Ahmedabad : बेटियों ने दी ब्रेन डेड मां के अंगदान की सहमति

locationअहमदाबादPublished: Jan 24, 2021 08:53:04 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

एक किशोर और दो युवकों को मिला जीवनदान

Ahmedabad : बेटियों ने दी ब्रेन डेड मां के अंगदान की सहमति

Ahmedabad : बेटियों ने दी ब्रेन डेड मां के अंगदान की सहमति

अहमदाबाद. एशिया के सबसे बड़े अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड से मिलने वाले अंगों में वृद्धि हुई है। हाल ही में एक ब्रेन डेड महिला के लीवर और किडनी से तीन लोगों की जान बचाई है। इस महिला के अंगदान की समहित उनकी तीन बेटियों ने दी है। कठिन घड़ी में बेटियों की ओर से लिए गए इस निर्णय से तीन परिवारों के चिरागों को बचाया जा सका है।
अहमदाबाद शहर के घाटलोडिया क्षेत्र में रहने वाली मीनाबेन झाला (48) को गंभीर अवस्था में शहर के सिविल अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर उसके विशेष टेस्ट किए गए। जिसके बाद पता चला कि महिला ब्रेन डेड है। मीनाबेन को गत 19 जनवरी को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। ऐसी स्थिति परिजनों के लिए काफी जटिल होती है। इसके बावजूद भी परिजनों ने सोच विचार कर निर्णय लिया। सिविल अस्पताल की टीम ने महिला की तीन बेटियों और अन्य परिजनों से अंगदान के बारे में जानकारी दी। दूसरे मरीजों को नई जिन्दगी मिलने की बात सोचकर मीनाबेन की तीनों बेटियों ने अंगदान के लिए सहमति जताई थी। जिससे इस महिला के लीवर को जरूरतमंद मरीज और जामनगर निवासी 15 वर्षीय किशोर में स्थापित किया गया। जिससे उसे नई जिन्दगी मिली है। महिला के दोनों गुर्दे (किडनी) सुरेन्द्रनगर निवासी 30 वर्षीय और 35 वर्षीय युवकों में प्रत्योरोपित की। कुल मिलाकर महिला के अंगों से तीन परिवारों के सदस्यों को जीवन दान मिला है। मीनाबेन की तीन बेटियों के अलावा दो बेटे भी हैं।
सिविल अस्पताल की टीम ने उठाया बीड़ा
सिविल अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से ब्रेन डेड मरीजों के अंगों से कई लोगों को जान बचाई जा सकी है। इसके लिए अस्पताल की टीम ब्रेन डेड हुए मरीजों के परिजनों को अंगदान के संबंध में समझाती है। गुजरात सरकार के स्टेट ऑर्गन टिस्यु ट्रान्सप्लान्ट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) कार्यक्रम के तहत इस प्रकार के अंग दान में वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए संभव कदम उठाए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल में ही पिछले कुछ दिनों से ब्रेन डेड हुए तीन मरीजों के अंगों से सात लोगों को नया जीवन दिया जा चुका है।
डॉ. जे.वी. मोदी, चिकित्सा अधीक्षक सिविल अस्पताल
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