scriptराज्यभर में 1 लाख से ज्यादा कुषोषित बच्चे | Over 1 Lakhs Malnourished Chlidren in Gujarat | Patrika News

राज्यभर में 1 लाख से ज्यादा कुषोषित बच्चे

locationअहमदाबादPublished: Feb 23, 2018 11:14:24 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

कुषोषित नहीं होने का दावा गलत

Over 1 Lakhs Malnourished Chlidren in Gujarat
गांधीनगर. राज्य सरकार के बच्चों में कुषोषित नहीं होने के दावा गलत साबित हुआ है। राज्यभर में 1 लाख से ज्यादा कुषोषित बच्चे हैं। विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नोत्तरी में यह बातें सामने आईं।
विभिन्न विधायकों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में महिला व बाल कल्याण राज्य मंत्री ने यह जानकारी दी। 31 दिसम्बर 2017 की स्थिति के अनुसार सुरेन्द्रनगर जिले में 5642, भरूच में 2636, गिर सोमनाथ में 1356, पोरबंदर जिले में 501, राजकोट जिले में 1949, छोटाउदेपुर में 1231, जामनगर में 2411, महीसागर में 4051, देवभूमि द्वारका जिले में 1836 बच्चे कुपोषित हैं। आणंद जिले में 1669, खेड़ा में 7008, अहमदाबाद में 1715, पाटण में 5259, वडोदरा में 7625, अमरेली में 1953, बोटाद में 489, मोरबी में 1801, दाहोद जिले में 7419 कुषोषित बच्चे हैं।
जूनागढ़ जिले में में 1999, भावनगर में 6058, डांग जिले में 3768, वलसाड में 2188, नवसारी में 1173, तापी में 3540, कच्छ में 1749, साबरकांठा में 6247, गांधीनगर में 3648, पंचमहाल में 5790, बनासकांठा में 6539, अरवल्ली जिले में 3959, मेहसाणा में 960, सूरत में 4089 तथा नर्मदा जिले में 2741 कुपोषित बच्चे हैं।

२ वर्षों में रणोत्सव, पतंगोत्सव, नवरात्रि उत्सव पर 3783.68 लाख खर्च
गांधीनगर. राज्य में पिछले 2 वर्षों में राज्य सरकार की ओर से आयोजित रणोत्सव, पतंगोत्सव और नवरात्रि उत्सव को लेकर 3783.68 लाख का खर्च किया गया।
दरियापुर से कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री की ओर से यह जानकारी दी गई। 1 फरवरी 2016 से लेकर 31 जनवरी 2017 के दौरान रणोत्सव में 460 लाख की आय हुई। राज्य से बाहर आने वाले अतिथियों, रहने, खाने, परिवहन को लेकर 391.13 लाख का खर्च किया गया। इसमें रणोत्सव में 7.77 लाख, पतंगोत्सव में 144.21 लाख तथा नवरात्रि महोत्सव में 42.54 लाख रुपए खर्च किए गए। 1 फरवरी 2017 से 31 जनवरी 2018 के दौरान पतंगोत्सव में 185.79 लाख रपए तथा नवरात्रि महोत्सव में 10.82 लाख रुपए खर्च किए गए।
उधर 2016-17 के रण महोत्सव में 2 लाख 10 हजार 274 पर्यटकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान पीपीपी आधार पर दिए गए टेन्ट की रॉयल्टी के रूप में 286.60 लाख तथा सफेद रण में पर्यटकों के प्रवेश फीस के रूप में 173.72 लाख सहित 460.32 लाख रुपए की आय हुई।

ट्रेंडिंग वीडियो