गुजरात के 2303 गांवों में गोचर ही नहीं
गांधीनगर. गुजरात के 9029 गांवों में न्यूनतम गोचर से कम गोचर है। वहीं राज्य में 2303 ऐसे गांव हैं जहां गोचर नहीं हैं। इन गांवों में गोचर ही नहीं है। गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों के सवालों पर राज्य सरकार ने ये जवाब पेश किए।
कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि बनासकांठा के 1165 गांवों में न्यूनतम गोचर से भी कम गोचर है, जो सर्वाधिक है। वहीं वलसाड के 250 गांवों में गोचर नहीं है। गोचर नहीं होने से मवेशियों के चरने का कोई विकल्प नहीं है।
सदन में पेश जवाब में कहा गया कि गांधीनगर के 263 गांवों में न्यूनतम गोचर से भी कम गोचर है। 26 गांवों में गोचर नहीं है। राजकोट के 525 गांवों में न्यूनतम से कम गोचर है। अहमदाबाद में पचास गांवों में न्यूनतम गोचर से कम गोचर है वहीं 54 गांवों में गोचर ही नहीं है। सूरत में 222 गांवों में न्यूनतम गोचर से भी कम गोचर और 70 गांवों में गोचर नहीं है। भावनगर के 485 गांवों में न्यूनतम से भी कम और 64 गांवों में गोचर नहीं है। वडोदरा के 3 गांवों में न्यूनतम से भी कम गोचर है वहीं 7 गांवों में गोचर नहीं है। डांग जिले के 311 गांव प्रोजेक्ट फोरेस्ट और रिजर्व फोरेस्ट क्षेत्र हैं, इस कारण वहां गोचर नहीं है।