खराब थी।
इसी बीच मंजूला गर्भवति हो गई। बुधवार रात प्रसूति पीड़ा के बाद मंजूला ने अधूरे महीने की बच्ची को जन्म दिया। आरोप है कि सुबह 6 बजे दोनों पति-पत्नी अपने घर के पीछे खेत में जाकर गड्ढा की और बच्ची को मिट्टी में दबा दिया। इस दौरान पति शैलेष रखवाली करता रहा कि कोई देख नहीं ले। घटना को अंजाम देकर दोनों पति-पत्नी कडी तहसील के सरसाइ भाग गए। आरोपियों का सुराग मिलने पर पुलिस ने दंपती को माणसा के समीप से गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे पता चला बच्ची का
जानकारी के अनुसार गांभोई गांव के ज़ीईबी कार्यालय के समीप एक खेत में काम कर रही एक महिला मजदूर ने देखा कि जमीन के नीचे कुछ हलचल हो रही है। यह दृश्य देखकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। महिला की आवाज सुनकर आसपास के कुछ लोग मौके पर पहुंच गए और मिट्टी हटा कर देखा तो इसके नीचे एक नवजात बालिका मिली। जीईबी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस नवजात को बाहर निकाला और 108 आपातकालीन सेवा की एंबुलेंस के माध्यम से हिम्मतनगर स्थित सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। चिकित्सकों की प्राथमिक जांच में पता चला कि बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बीवीएम मशीन के माध्यम से उसे कृत्रिम श्वास दी गई।