scriptAhmedabad News : पंचमहाल जिले में पीसीएमएस की शुरुआत | PCMS started in Panchmahal district | Patrika News

Ahmedabad News : पंचमहाल जिले में पीसीएमएस की शुरुआत

locationअहमदाबादPublished: May 24, 2020 10:17:42 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

कोरोना वायरस के प्रभावी नियंत्रण व बचाव के कदम के तौर पर…

Ahmedabad News :  पंचमहाल जिले में पीएसीएमएस की शुरुआत

Ahmedabad News : पंचमहाल जिले में पीएसीएमएस की शुरुआत

हालोल. पंचमहाल जिले में कोरोना वायरस के प्रभावी नियंत्रण व बचाव के कदम के तौर पर पार्टीसिपेटरी कोविड मैनेजमेन्ट सिस्टम (पीसीएमएस) की शुरुआत की गई है।
जिला कलक्टर अमित अरोरा के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण के अधिक खतरे वाले वृद्धों व बच्चों को पहचान कर जीवनशैली में मामूली परिवर्तन लाने के लिए मार्गदर्शन कर संक्रमण से सुरक्षित रखने और आवश्यकता होने पर उनकी स्वास्थ्य की स्थिति का निरंतर फॉलोअप कर तुरंत उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह शुरुआत की गई है।
लॉक डाउन-4 में दी गई अनेक छूटों के कारण संभावित संक्रमण के भय के साथ सामान्य जन-जीवन की शुरुआत के बावजूद संक्रमण की सर्वाधिक जोखिम है। इसलिए जिले के 60 वर्ष से अधिक आयु के को-मोर्बिडिटी वाले वृद्धों के स्वास्थ्य व उपचार की निरंतर निगरानी कर उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने व संक्रमित होने पर जल्दी उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए गए सिस्टम की मदद से कार्य शुरू किया गया है।
पीसीएमएस डेशबोर्ड पर 104, 108, पीएचसी, सीएचसी व यूएचसी पर ओपीडी व निजी चिकित्सकों के ओपीडी डेटा, कोरोना जोखिम प्रबंधन के अधीन प्राप्त डेटा, आईडीएसपी, आरोग्य सेतु एप से ऐसे सभी व्यक्तियों के डेटा संग्रहित किए गए हैं। इनसे उनके स्वास्थ्य की स्थिति, किए जाने वाले फॉलोअप व उन पर रहने वाले जोखिम पर निरंतर नजर रखी जाती है।
उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार अलग-अलग श्रेणी तय कर उनमें विभाजित किया गया है। स्थिति बदलने पर उनकी श्रेणी भी बदली जाती है। जिले के एनएसएस के 64 हैल्थ केयर स्वयंसेवक प्रतिदिन 1 हजार कॉल करके ऐसे वृद्धों की स्थिति की निगरानी रख रहे हैं और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दे रहे हैं। अब तक ऐसे 5364 व्यक्तियों के डेटा को सिस्टम में संग्रहित कर उनके स्वास्थ्य का निरंतर फॉलोअप लिया जा रहा है।
मिलने वाले जवाबों के अनुसार डेटा का एनालिसिस कर उनके हैल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके बाद संबंधित तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को डेटा सौंपे जा रहे हैं। इसके बाद तहसील स्वास्थ्य अधिकारी तय करते हैं कि उन्हें कौनसे चिकित्सा अधिकारी को रेफर करना है या आशावर्कर महिलाओं के जरिए स्वास्थ्य सर्वे कराना है। फिलहाल 5364 में से 44 रेड श्रेणी में, 52 ऑरेन्ज श्रेणी में व 4223 ब्लू श्रेणी में और 895 व्यक्तियों को ग्रीन श्रेणी में रखा है।
यह है चार श्रेणियां

रेड श्रेणी के व्यक्तियों को प्रतिदिन कॉल कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। ऑरेन्ज श्रेणी में को-मोर्बिडिटी के साथ इन्फ्लुएंजा सरीखे लक्षणों वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है, उन्हें एकांतर कॉल कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। ब्लू श्रेणी में को-मोर्बिड लेकिन स्वस्थ और कोई लक्षण नहीं दिखने वाले व्यक्तियों को शामिल किया है, उन्हें सात दिन में कॉल कर उनके स्वास्थ्य के बारे में अपडेट लिया जा रहा है। ग्रीन श्रेणी में 60 वर्ष से अधिक की आयु के स्वस्थ्य, लेकिन जोखिम वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो