बिहार व गुजरात के बीच संबंधों की व्यापक भूमिका देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, मोरारजी देसाई व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे नेताओं ने देश को दिशा दी है वहीं बिहार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण व प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जैसे विशिष्ट व्यक्तियों का मार्गदर्शन दिया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन व बिहार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन देशव्यापी जन आंदोलन बन गया।
उन्होंने बिहार के गया के पितृ श्राद्ध तर्पण व गुजरात के सिद्धपुर के मातृ श्राद्ध तर्पण के रूप में ख्याति, बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय व गुजरात के वल्लभी की प्राचीन विद्यापीठ को भी याद करते हुए बिहार व गुजरात के संबंधों का संदर्भ दिया गया। रुपाणी ने कहा कि गुजरात की विकास यात्रा में प्रत्येक राज्य, प्रांत के लोगों के यहां आकर बसने वाले परिवारों का सहयोग व योगदान है।
उन्होंने कहा कि प्रांत, प्रदेश, भाषा का भेद मिटाकर सभी कोई भारत माता की संतान के रूप में अपना देश, अपनी मिट्टी को साकार करें। राष्ट्र के लिए देश के लिए जिएं।
इस अवसर पर जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदास महाराज, सरसपुर स्थित रणछोडऱाय मंदिर के महंत लक्ष्मणदास महाराज भी उपस्थित थे।