इमारत और प्लांट की मशीनरी को अधिग्रहित करेगा टाटा मोटर्स गुजरात सरकार द्वारा वर्ष 2011 में फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ किए गए स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट के संबंध में तथा टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के बीच हुए समझौते के संदर्भ में यह त्रिपक्षीय समझौता करार किया गया है। टाटा मोटर्स लिमिटेड फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साणंद संयंत्र को सभी जमीनों, इमारत, वाहन असेंबली इकाई और प्लांट की मशीनरी के साथ अधिग्रहित करेगा। इतना ही नहीं, फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वाहन असेंबली प्लांट के सभी कर्मचारियों को टाटा मोटर्स में शामिल कर लिया जाएगा। फोर्ड इंडिया प्रा. लि. साणंद स्थित संयंत्र में इंजन का उत्पादन जारी रखेगा और इसके लिए टाटा मोटर्स उसे पट्टे पर जमीन उपलब्ध कराएगा।
गुजरात सरकार अनुमतियों के लिए सहायक होगी गुजरात सरकार नियमानुसार सभी आवश्यक अनुमतियों के लिए सहायक होगी। इसके अलावा, टाटा मोटर्स और फोर्ड इंडिया पानी, बिजली, एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी कॉमन फैसिलिटीज का इस्तेमाल कर सकें इसके लिए सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के दूरदर्शी दृष्टिकोण और त्वरित निर्णय से इस विषय पर केवल 90 दिनों की छोटी अवधि में राज्य सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण से यह एमओयू संपन्न हुआ है।
अधिग्रहण से बेरोजगारी को रोका जा सकेगा
अधिग्रहण से बेरोजगारी को रोका जा सकेगा
उल्लेखनीय है कि टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लि. साणंद स्थित फोर्ड संयंत्र की सारी जमीन, बिल्डिंग, फोर्ड व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के संयंत्र और मशीनरी के साथ ही उनके सभी कर्मचारियों को स्वीकार करेगी। इस प्रस्तावित अधिग्रहण से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा होने की समस्या को भी रोका जा सकेगा। गुजरात में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन की शुरुआत होगी और पर्यावरण अनुकूल ग्रीन मोबिलिटी की पहल में गुजरात अग्रसर रहेगा। टाटा जैसी भारतीय कंपनी द्वारा फोर्ड मोटर्स जैसी विदेशी कंपनी के प्रस्तावित अधिग्रहण से गुजरात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारतÓ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक और कदम उठाएगा।
फोर्ड मोटर्स के संयंत्र में 3043 प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 20 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया जाता है। इस संयंत्र के बंद होने के कारण लगभग 25 हजार लोगों के रोजगार गंवाने का संकट राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बन रहा था। इसके अलावा, स्थिति ऐसी बन गई थी जिसमें इस संयंत्र को स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति करने वाली अनुषांगिक इकाइयों के बंद होने और उसमें कार्यरत कामगारों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का खतरा पैदा हो गया था। अब, इस प्रस्तावित अधिग्रहण से उस मसले का हल निकल सकेगा।