Plasma therapy : अहमदाबाद के एसवीपी अस्पताल में दो मरीजों की हालत में सुधार
अहमदाबाद. एक तरफ दुनिया कोरोना को मात देने के लिए दवाई और टीकी की खोज में लगी हुई है वहीं अहमदाबाद महानगरपालिका संचालित सरदार वल्लभभाई पटेल (एसवीपी) अस्पताल के चिकित्सकों को उपचार में महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित जिन दो मरीजों में प्लाज्मा ट्रान्समिशन किया गया है अब उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है। प्लाज्मा ट्रान्समिशन करने वाली टीम को इस पद्धति से काफी उम्मीद हैं।
प्लाज्मा ट्रान्समिशन के लिए केन्द्र सरकार से गत १७ अप्रेल को मिली मंजूरी के बाद एसवीपी अस्पताल के चिकित्सकों ने कोरोना पॉजिटिव ५०-५० वर्षीय एक महिला और एक पुरुष को प्लाज्मा ट्रान्समिशन किया था। हाल में इन दोनों मरीजों की तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि पिछले दिनों दोनों मरीज ऑक्सीजन पर थे लेकिन अब उन्हें काफी आराम मिला है और ऑक्सीजन पर रहने की जरूरत भी कम हुई है। उनका मानना है कि यह पद्धति काफी कारगर है। पहले मरीज में गत मंगलवार को और उसके एक दिन बाद दूसरे मरीज में प्लाज्मा ट्रान्समिशन किया गया था। गौरतलब है कि पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव रह चुकी महिला (हाल में नेगेटिव) मरीज से रक्त लेकर प्लाज्मा अलग किया गया था। यह प्लाज्मा दो मरीजों में ट्रान्समिशन किया गया था।
यह है थेरेपी
कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज जब स्वस्थ्य होते हैं तो उनकी रोग प्रतिरोध शक्ति में वृद्धि होती है। एन्टीबॉडी उत्पन्न होने के दौरान ऐसे लोगों का रक्त उपयोगी होता है। रक्त से अलग किया गया प्लाज्मा अन्य मरीजों के उपचार में महत्वपूर्ण साबित होता है। ४०० मिली लीटर रक्त से निकलने वाले प्लाज्मा को दो मरीजों में ट्रान्समिशन किया जाता है। जबकि रक्त को पुन: मरीज में ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
गुजरात के चिकित्सकों ने किया कीर्तिमान स्थापित
प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का उपचार करना गुजरात के चिकित्सकों के लिए नया कीर्तिमान है। देश में सबसे पहले किए गए प्लाज्मा ट्रान्समिशन से सभी को प्रेरणा मिलेगी। जिन दो मरीजों का इस थेरेपी से उपचार किया है उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है। दोनों मरीज पहले से ही ऑक्सीजन पर थे लेकिन अब उन्हें काफी आराम मिला है।
जयंती रवि, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग गुजरात