आजादी का अमृत महोत्सव यानि आत्मनिर्भरता का अमृत
पीएम ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव यानि आत्मनिर्भरता का अमृत। नए विचारों का, नए संकल्पों का अमृत, आजादी की ऊर्जा का अमृत। स्वतंत्रता सैनानियों से प्रेरणाओं का अमृत है।
पीएम ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव यानि आत्मनिर्भरता का अमृत। नए विचारों का, नए संकल्पों का अमृत, आजादी की ऊर्जा का अमृत। स्वतंत्रता सैनानियों से प्रेरणाओं का अमृत है।
पांच स्तंभ देश को करेंगे प्रेरित
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कार्य और ७५ पर संकल्प- ये पांच स्तंभ देश को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करेंगे।
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कार्य और ७५ पर संकल्प- ये पांच स्तंभ देश को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करेंगे।
भारत में नमक ईमानदारी का प्रतीक
पीएम ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। पीएम मोदी ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
पीएम ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। पीएम मोदी ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
गांव-गांव में वीर सपूतों का इतिहास
पीएम ने कहा कि गांव-गांव में मां भारती के वीर सपूतों का इतिहास है। हमारे महानायकों, महानायिकाओं का जीवन-इतिहास भी देश के सामने पहुंचाना है। इसके लिए उन्होंने स्कूल-कॉलेजों, विश्वविद्यालयों से प्रोग्राम आयोजित करने की अपील की। देश ने इसके लिए बीते छह सालों से सजग प्रयाग शुरू किए हैं। उन्होंने देश के स्वतंत्रता सैनानियों और आजाद भारत के निर्माताओं के योगदान, बलिदान, शौर्य को भी याद किया।
पीएम ने कहा कि गांव-गांव में मां भारती के वीर सपूतों का इतिहास है। हमारे महानायकों, महानायिकाओं का जीवन-इतिहास भी देश के सामने पहुंचाना है। इसके लिए उन्होंने स्कूल-कॉलेजों, विश्वविद्यालयों से प्रोग्राम आयोजित करने की अपील की। देश ने इसके लिए बीते छह सालों से सजग प्रयाग शुरू किए हैं। उन्होंने देश के स्वतंत्रता सैनानियों और आजाद भारत के निर्माताओं के योगदान, बलिदान, शौर्य को भी याद किया।