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गुजरात में 5966 पुलिसकर्मी बने कोरोना का शिकार, 62 ने खोई जिन्दगी

locationअहमदाबादPublished: Mar 08, 2021 09:27:53 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

दो वर्षों में 2962 पुलिस अधिकारी, कर्मचारी व उनके परिजनों ने कराई स्वास्थ्य जांच

गुजरात में 5966 पुलिसकर्मी बने कोरोना का शिकार, 62 ने खोई जिन्दगी

गुजरात में 5966 पुलिसकर्मी बने कोरोना का शिकार, 62 ने खोई जिन्दगी

गांधीनगर. कोरोना महामारी (corona pandemic) में गुजरातभर में एक लाख 35 हजार पुलिस अधिकारियों (police personel) और कर्मचारियों ने फ्रन्टलाइन वॉरियर्स (frontline worriors) के तौर पर सेवाएं दीं, जिसमें 5966 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार बने। जबकि 62 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण से अपनी जान खोई। प्रत्येक कर्मचारियों के परिजनों को मदद के तौर पर सरकार की ओर से निर्धारित पैमाने से 25 लाख रुपए की राशि परिजनों को भुगतान करने की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। वहीं पिछले दो वर्षों में 2962 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिजनों की स्वास्थ्य जांच की। गांधीनगर स्थित विधानसभा सदन में सूरत जिले के एसआरपी ग्रुप, वाव में पुलिस परिवारों के स्वास्थ्य जांच को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्री प्रदीपसिंह जाड़ेजा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों वाव में पुलिस परिवार के 2962 अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिजनों की जांच की गई, जिसमें 1867 पुलिस अधिकारी, 384 बच्चे और 644 महिलाएं और 67 प्रशासनिक कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं फिक्स वेतनभोगी के तौर पर ड्यूटी करनेवाले कर्मचारियों को भी चिकित्सा के लिए मौजूदा समय में ‘मा-वात्सल्यÓ योजना की तर्ज पर ॅ’मा- कर्मयोगीÓ योजना के तहत केशलेस उपचार मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में प्रस्ताव पारित करने का निर्णय किया है। ‘मा वात्सल्यÓ योजना में संशोधन कर तीन लाख रुपए पारिवारिक आय को 4 लाख वार्षिक निर्धारित किया है।
वहीं सभी लाभार्थी परिवारों को प्रधानमंत्री आयुष्यमान योजना में उनके परिजनों को पांच लाख रुपए तक उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस को शार्प, स्मार्ट और फीट रखना ही सरकार का मंत्र है।
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