जीएसटी के बाद पहला चुनाव २०१९ के लिए लिटमस टेस्ट
पहले चरण का चुनाव मोदी व राहुल दोनों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा। 22 वर्षों से लगातार पांच विधानसभा चुनाव जीतती आ रही भाजपा के लिए यह चुनाव काफी अहम है। पाटीदार, दलित और ओबीसी आंदोलन सत्ताधारी दल के लिए चुनौती बनी है। पिछले तीन चुनावों में मोदी के रथ पर सवार भाजपा की ओर से मोदी पहली बार सीएम चेहरा नहीं हैं, वहीं राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत के बाद कांग्रेस में नए उत्साह का संचार हुआ। मोदी के गृह राज्य में चुनाव हो रहा है और भाजपा अपनी जमीन बचाने में पूरी तरह लगी है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में आरूढ़ हो रहे राहुल के लिए भी यह नाक का सवाल होगा। जीएसटी के अमलीकरण के बाद पहला चुनाव है जो एक अहम फैक्टर साबित हो सकता है।
सीएम सहित कई अहम प्रत्याशी
पहले चरण में अहम प्रत्याशियों में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (राजकोट-पश्चिम), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी (भावनगर पश्चिम), कैबिनेट मंत्रियों-जयेश रादडिय़ा व बाबू बोखीरिया, कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (अबडासा), अर्जुन मोढ़वाडिया (पोरबंदर) परेश धानाणी (अमरेली) चुनाव मैदान में हैं।
इस चुनाव में ये खास मुद्दे
जीएसटी, नोटबंदी, पाटीदार आरक्षण, किसानों को फसल के दाम, सौराष्ट्र को पानी, नर्मदा बांध व उसका पानी, विकास तथा स्थानीय मुद्दे।
मोदी की 15 रैलियां, राहुल ने ७ दिन गुजारे
मोदी ने जहां इन दो इलाकों में जहां 15 रैलियां की वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने इन इलाकों में सात दिन गुजारे। इसके अलावा भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली , स्मृति इरानी, रविशंकर प्रसाद, राजनाथ सिंह , यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई स्टार प्रचारकों को चुनावी समर में झोंका, वहीं कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सचिन पायलट , ज्योतिर्आदित्य सिंधिया व राज बब्बर की सेवाएं लीं।
2012 का आंकड़ा
दल सौ.-कच्छ द. गुजरात (54) (35)
भाजपा ३८ २८
कांग्रेस 13 ०७
कुल ५१ ३५
(निर्दलीय व अन्य ४ सीटें)