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अहमदाबाद

‘नोटबंदी बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के साथ साइबर अपराध ५०० गुना बढ़ा’

डाटा लीक सबसे बड़ा कारण, बैंकिंग, ओटीपी, फेसबुक, हैकिंग अपराध में वृद्धि

अहमदाबादDec 07, 2018 / 10:38 pm

nagendra singh rathore

Cyber expert

‘नोटबंदी बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के साथ साइबर अपराध ५०० गुना बढ़ा’

अहमदाबाद. देश में आठ नवंबर २०१६ को नोटबंदी लागू करने के बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में तो तेजी से वृद्धि हुई है साथ ही साइबर अपराध में भी ५०० प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। इसकी मुख्य वजह डाटा लीक है, जिसे देश एवं विदेश में बैठे हैकर होटल ग्रुप, बैंक या अन्य संस्थानों की वेबसाइट हैक करके चोरी करते हैं। इसमें बैंकिंग, ओटीपी, फेसबुक, हैकिंग से जुड़े अपराध की वृद्धि शामिल है।
यह कहना है एथिकल हैकर सन्नी वाघेला का। उन्होंने बताया कि हाल ही में बड़े होटलग्रुप के ५०० मिलियन ग्राहकों का डाटा चोरी हो गया। इसका दुरुपयोग आगामी समय में साइबर अपराध के मामले में हो सकता है। ऑनलाइन एक्सटोर्सन के किस्से भी बढ़े हैं, जिसमें हैकर आपके कंप्यूटर, एकाउंट के पासवर्ड को देने के लिए पैसे मांगता है। यह क्राइम अभी बढ़ रहा है। वाघेला ने कहा कि इन सबसे बचने के लिए जितनी हो सावधानी बरतें। इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन करते समय विश्वस्त वेबसाइट का उपयोग करें, क्योंकि उसमें ओटीपी नहीं आतीहै।
वी सिक्योर बैंक के सन्नी वाघेला ने बताया कि मोबाइल फोन में बिना सोचे समझें चाहे जो एप्लीकेशन डाउनलोड करने से बचें।
सहकारी बैंकों में साइबर हमले का खतरा अधिक
वी सिक्योर बैंक के स्मित शाह ने बताया कि नेशनल बैंक, प्राइवेट बैंक की तुलना में शहरी एवं जिला सहकारी बैंकों पर साइबर हमले का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि अपेक्षाकृत बड़ी बैंकों के सहकारी बैंकें साइबर सुरक्षा , तकनीक पर ज्यादा खर्च करने से बचती हैं। उनके बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स भी ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। अब जब आरबीआई ने सहकारी बैंकों को भी १९ जनवरी २०१९ तक साइबर सुरक्षा के लिए फ्रेमवर्क बनाने का निर्देश दिया है, तो उन्हें इस दिशा में कदम उठाने होंगे। वे यही कहना चाहेंगे कि सहकारी बैंकें इस दिशा में सस्ते की जगह गुणवत्ता और प्रमाणित कंपनियों की सेवाएं लें और साइबर सुरक्षा पर भी खर्च को तवज्जो दें।
८० सहकारी बैंकों को बताई साइबर खतरे की गंभीरता
शुक्रवार को अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन में कोर बैंकिंग सोल्यूशन प्रदाता कंपनी एक्यूट इन्फोर्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ चिराग पटेल ने वी सिक्योर बैंक के साथ मिलकर राजस्थान-गुजरात की ८० से ज्यादा शहरी व जिला सहकारी बैंकों के आईटी मैनेजर व अन्य प्रतिनिधियो ंको साइबर खतरे की गंभीरता बताई। आरबीआई की ओर से साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क बनाने को दिए १९ जनवरी के समय की जानकारी भी दी। उन्होंने पाया कि ज्यादातर सहकारी बैंकें साइबर सुरक्षा पर खर्च करने से झिझकती हैं, जबकि आरटीजीएस की सेवा देती हैं। आरटीजीएस में भी साइबर अटैक का खतरा रहता है।

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